अहम खोज : वैज्ञानिकों को इस ग्रह पर मिले बर्फ के ज्वालामुखी

जैसे पृथ्वी के ज्वालामुखियों से गैसें और पिघली हुई चट्टानों का लावा निकलता है, उसी तरह से ये क्रायोवोल्कैनो बड़ी मात्रा में बर्फ निकालते हैं।

अहम खोज : वैज्ञानिकों को इस ग्रह पर मिले बर्फ के ज्वालामुखी

गौरतलब है कि प्‍लूटो ग्रह का आकार पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है। इसका व्यास लगभग 1,400 मील (2,380 किमी) है।

ख़ास बातें
  • प्‍लूटो ग्रह का आकार पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है
  • यह 3.6 बिलियन मील दूर से सूर्य की परिक्रमा करता है
  • लूटो ग्रह के सतह में मैदान के साथ ही पहाड़ भी हैं
विज्ञापन
रहस्‍यों से भरा ब्रह्मांड वैज्ञानिकों को हर रोज कुछ ना कुछ जानने के लिए प्रेरित करता है। अब प्‍लूटो ग्रह को लेकर नासा ने नई जानकारी है। नासा के न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान से मिला डेटा बताता है कि यह ठंडा ग्रह पहले से ज्‍यादा गतिशील है। यहां गुंबद के आकार वाले बर्फ के ज्वालामुखी हैं, जो अभी भी एक्टिव हो सकते हैं। मंगलवार को वैज्ञानिकों ने कहा कि 10 से ज्‍यादा क्रायोवोल्कैनो एक किलोमीटर से लेकर 7 किलोमीटर के एरिया में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जैसे पृथ्वी के ज्वालामुखियों से गैसें और पिघली हुई चट्टानों का लावा निकलता है, उसी तरह से ये क्रायोवोल्कैनो बड़ी मात्रा में बर्फ निकालते हैं। इसमें जमे हुए पानी के साथ-साथ कुछ और भी हो सकता है।

नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक और कोलोराडो में साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्‍लेनेटरी साइंटिस्‍ट केल्सी सिंगर ने कहा, इन फीचर्स को खोजने से यह संकेत मिलता है कि प्लूटो अधिक सक्रिय या भूगर्भीय रूप से जीवित है। यहां बर्फ होने की संभावना आश्चर्यजनक है।

गौरतलब है कि प्‍लूटो ग्रह का आकार पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है। इसका व्यास लगभग 1,400 मील (2,380 किमी) है। यह सूर्य से लगभग 3.6 बिलियन मील (5.8 बिलियन किलोमीटर) की दूरी पर उसकी परिक्रमा करता है, जो पृथ्वी की कक्षा से लगभग 40 गुना अधिक दूर है। प्‍लूटो ग्रह के सतह में मैदान के साथ ही पहाड़ भी हैं। 

वैज्ञानिकों ने न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान से साल 2015 में मिलीं इमेज और डेटा का विश्लेषण किया। इसके बाद यह जानकारी सामने आई है। न्यू होराइजन्स के प्रिंसिपल एडवाइजर और स्‍टडी के को-ऑथर एलन स्टर्न ने कहा कि स्‍टडी में न सिर्फ क्रायोवोल्केनिज्म के व्यापक सबूत मिले हैं, बल्कि यह भी सामने आया है कि यह लंबे समय से है।

रिसर्चर्स ने स्पूतनिक प्लैनिटिया के दक्षिण-पश्चिम इलाके का विश्लेषण किया। पता चला कि प्लूटो का बेसिन नाइट्रोजन बर्फ से भरा हुआ है। पृथ्वी और हमारे सौर मंडल के अन्य ग्रहों की तरह प्लूटो लगभग 4.5 अरब साल पहले बना था। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि ये क्रायोवोल्कैनो कुछ मिलियन वर्ष पहले ही बने हैं। उनका कहना है कि संभवत: क्रायोवोल्कैनो के निर्माण की प्रक्रिया वर्तमान में भी चल रही है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon की Great Indian Festival सेल में iPhone 15 को 45,000 रुपये से कम में खरीदने का मौका
  2. AI रिसर्च असिस्टेंट्स के जवाबों के भरोसे हो तो ये खबर आपके लिए है, नई स्टडी ने खोली पोल!
  3. Amazon Great Indian Festival Sale 2025: iQOO स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील्स, होगी हजारों में बचत
  4. भारत में 6G की जबरदस्त तैयारी, गांव से लेकर आसमान तक चलेगा तेज इंटरनेट
  5. Meta Ray-Ban Display स्मार्ट ग्लासेस 12MP कैमरा और डिस्प्ले के साथ लॉन्च, उंगलियों के इशारों पर करेगा काम
  6. Kodak Matrix QLED TV 43, 50, 55 और 65 इंच डिस्प्ले में लॉन्च, जानें कैसे हैं फीचर्स और कीमत
  7. Amazon Great Indian Festival 2025 Sale: OnePlus 13 पर आ गई साल की सबसे बड़ी डील
  8. Honda ने पेश की WN7 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, 130 किलोमीटर की रेंज
  9. Xiaomi 15T में मिल सकता है MediaTek Dimensity 8400 Ultra चिपसेट, 5,500mAh बैटरी
  10. क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए जरूरी हुआ सायबर सिक्योरिटी ऑडिट, केंद्र सरकार का फैसला
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »