NASA 2033 में मंगल ग्रह से इक्ट्ठा किए सैंपल को धरती पर वापस लाने की तैयारी पूरी कर चुका है। अमेरिकी एजेंसी ने जानकारी दी है कि उसने अपने मार्स सैंपल रिटर्न प्रोग्राम (NASA Mars Sample Return Campaign) के लिए सिस्टम आवश्यकताओं की समिक्षा पूरी कर ली है, जो वैचारिक डिजाइन चरण के पूरा होने के करीब है। इस अभियान में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का योगदान भी शामिल है।
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कहना है कि इस चरण के दौरान, प्रोग्राम टीम ने वैज्ञानिक रूप से चुने गए सैंपल को वापस लाने के लिए आर्किटेक्चर का मूल्यांकन करके उसमें सुधार किए हैं। वर्तमान में नासा का Perseverance रोवर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर में सैंपल कलेक्शन के प्रोसेस में लगा हुआ है। NASA का मानना है कि इस आर्किटेक्चर से भविष्य के मिशनों की जटिलता को कम करने और सफलता की संभावना को बढ़ाने की उम्मीद है।
वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में विज्ञान के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस ज़ुर्बुचेन (Thomas Zurbuchen) ने कहा, "अवधारणात्मक डिजाइन चरण तब होता है जब एक मिशन योजना के हर पहलू को एक माइक्रोस्कोप के तहत रखा जाता है।" उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा, "योजना में कुछ महत्वपूर्ण और लाभप्रद परिवर्तन हैं, जिन्हें सीधे तौर पर जेज़ेरो में पर्सेवरेंस की हालिया सफलताओं और हमारे मंगल हेलीकॉप्टर के अद्भुत प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।"
नसा ने जानकारी दी है कि मार्स सैंपल रिटर्न अभियान में अब सैंपल फेच रोवर या उससे जुड़े दूसरे लैंडर को शामिल नहीं किया जाएगा। सैंपल रिट्रीवल लैंडर में दो सैंपल रिकवरी हेलीकॉप्टर शामिल होंगे, जो इनजेनिटी हेलीकॉप्टर के डिजाइन पर आधारित है, जिसने मंगल पर 29 उड़ानें भरी हैं। हेलीकॉप्टर मंगल की सतह पर संचित नमूनों को इक्ट्ठा करने के लिए एक माध्यमिक क्षमता प्रदान करेंगे।
ESA Earth Return Orbiter और इसका नासा द्वारा प्रदान किया गया कैप्चर, कंटेनमेंट और रिटर्न सिस्टम प्रोग्राम आर्किटेक्चर के महत्वपूर्ण तत्व बने हुए हैं। अर्थ रिटर्न ऑर्बिटर और सैंपल रिट्रीवल लैंडर के लिए क्रमशः 2027 और 2028 में नियोजित लॉन्च तिथियों के साथ, सैंपल के 2033 में पृथ्वी पर आने की उम्मीद है।
NASA का कहना है कि मार्स सैंपल रिटर्न कैंपेन का पहला चरण पहले से ही प्रगति पर है। 18 फरवरी, 2021 को Jezero Crater पर उतरने के बाद से Perseverance रोवर ने 11 वैज्ञानिक रूप से चुने गए रॉक कोर सैंपल और एक वायुमंडलीय सैंपल को कलेक्ट किया है।
NASA ने ब्लॉग में लिखा है कि मंगल ग्रह के नमूनों को पृथ्वी पर लाने से दुनिया भर के वैज्ञानिकों को खास उपकरणों का उपयोग करके सैंपल की जांच करने की अनुमति मिलेगी और आने वाली पीढ़ियां उनका अध्ययन करने में सक्षम होंगी।