पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश में वैज्ञानिक मंगल (Mars) और शुक्र (Venus) जैसे ग्रहों को टटोल रहे हैं, उनकी नजर एक्सोप्लैनेट्स (exoplanets) पर भी है। ऐसे ग्रह जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट्स कहलाते हैं। स्पेस एजेंसियों को लगता है कि पृथ्वी की बाहर जीवन की तलाश किसी एक्सोप्लैनेट पर भी पूरी हो सकती है। लेकिन इनकी संख्या एक-दो नहीं है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने आधिकारिक तौर पर हमारे सौर मंडल के बाहर 5,502 एक्सोप्लैनेट के होने की पुष्टि की है।
नासा के अनुसार, इस लिस्ट में 6 नए एक्सोप्लैनेट्स को जोड़ा गया है। इनके नाम हैं- एचडी 36384 बी, टीओआई-198 बी, टीओआई-2095 बी, टीओआई-2095 सी, टीओआई-4860 बी और एमडब्ल्यूसी 758 सी। इन नए एक्सोप्लैनेट में पृथ्वी जैसी चट्टानी संरचना वाला ग्रह, बृहस्पति ग्रह से भी बड़ा गैसीय एक्सोप्लैनेट और नेप्च्यून जैसा एक्सोप्लैनेट शामिल है।
नासा के एक्सोप्लैनेट आर्काइव में एक्सोप्लैनेट्स को लिस्ट किया गया है। लिस्ट में हरेक एक्सोप्लैनेट की खूबी भी बताई गई है। एक्सोप्लैनेट के बारे में सबसे पहले पता चला था साल 1992 में। तब वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारी आकाशगंगा में इनकी मौजूदगी का पता लगाया था। फिर एक के बाद एक एक्सोप्लैनेट खोजे जाने लगे, लेकिन किसी पर भी जीवन की मौजूदगी की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है।
एक्सोप्लैनेट्स का पता लगाने में पृथ्वी-बेस्ड दूरबीनों के साथ-साथ स्पेस बेस्ड दूरबीनों की मदद ली जाती रही है। नासा ने साल 2018 में ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) को लॉन्च किया था, जिसकी मदद से वैज्ञानिक 320 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट्स ढूंढ पाए हैं। नासा के ही स्पिट्जर, हबल और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोपों ने भी कई एक्सोप्लैनेट्स का पता लगाया है।
बहरहाल, नए ग्रहों की खोज से वैज्ञानिकों के पास मौका है। वह अब ऐसे ग्रहों को विस्तार से टटोल सकते है यह जानने के लिए कि पृथ्वी के बाहर कहां जीवन संभव हो सकता है।