अंतरिक्ष में पृथ्वी के करीब हजारों एस्टरॉयड मौजूद हैं। ये चट्टानी टुकड़े सौरमंडल के निर्माण के समय ही स्पेस में बिखर गए थे, ऐसा कहा जाता है। इसीलिए ये ग्रहों की तरह सौरमंडल के एकलौते तारे, यानि कि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं। स्पेस एजेंसी नासा अपने अलग अलग अंतरिक्ष अभियानों के जरिए खगोलीय पिंडों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है। NASA के मुताबिक, अंतरिक्ष में 7.3 लाख चट्टानें बिखरी हुई हैं जो हमारे सौरमंडल में घूम रही हैं। इन चट्टानों में से 16 हजार हमारी धरती के काफी करीब मौजूद हैं। यानी बड़ी संख्या में पृथ्वी के चारों ओर खतरा मौजूद है।
नासा एस्टरॉयड को लगातार ट्रैक करती है, और पृथ्वी की ओर आने वाली चट्टानों से संभावित खतरे को देखते हुए एस्टरॉयड अलर्ट जारी करती है। इसके लिए नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) नामक शाखा काम करती है। JPL के अनुसार, आज धरती की ओर 2 बड़े एस्टरॉयड आ रहे हैं। इनमें से एक एस्टरॉयड काफी बड़ा है। आइए जानते हैं इन दोनों के बारे में।
एस्टरॉयड 2023 UV1 आज धरती की ओर हजारों किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चला आ रहा है। इसका साइज 58 फीट का है। इस भारी चट्टान के लिए नासा ने कहा है कि यह जब धरती के सबसे करीब होगा तो दोनों के बीच की दूरी 1,090,000 किलोमीटर होगी। इसके अलावा एस्टरॉयड 2023 UR1 भी आज पृथ्वी की ओर आ रहा है। इसका साइज 120 फीट का है। यह हवाई जहाज के साइज का है। यह धरती के करीब 834,000 किलोमीटर तक आने वाला है। 150 फीट से बड़े एस्टरॉयड पृथ्वी के काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऊपर बताए गए दोनों ही एस्टरॉयड आज धरती के बेहद करीब से गुजरने वाले हैं। इनसे छोटे एस्टरॉयड भी कई बार बड़ा नुकसान कर जाते हैं। NASA का कहना है कि पृथ्वी के पास मंडरा रहे 16 हजार एस्टरॉयड में से 1784 एस्टरॉयड ऐसे हैं जो कभी भी धरती से टकरा सकते हैं। क्योंकि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के कारण इनकी दिशा बदल जाने की संभावना काफी होती है।
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