24 साल से धीमे घूम रही है धरती! घड़ी पर पड़ेगा असर- वैज्ञानिक

शोधकर्ता इन परतों के बारे में तरंगों के माध्यम से स्टडी करते हैं।

24 साल से धीमे घूम रही है धरती! घड़ी पर पड़ेगा असर- वैज्ञानिक

Photo Credit: NASA

धरती की सबसे भीतरी परत जिसे कोर (Core) कहते हैं, इसका अंदरूनी भाग अब पहले की बजाए धीमे घूम रहा है।

ख़ास बातें
  • भीतरी कोर 2010 के बाद से धीमे घूमती आ रही है।
  • इससे दिन की लम्बाई एक सेकंड के कुछ हिस्से के बराबर बदल सकती है।
  • शोधकर्ता इन परतों के बारे में तरंगों के माध्यम से स्टडी करते हैं।
विज्ञापन
धरती लगातार सूरज के चारों तरफ घूम रही है, साथ ही यह अपनी धुरी पर भी घूमती जा रही है। धुरी पर घूमने से दिन और रात बनते हैं, जबकि सूर्य की परिक्रमा से ऋतुएं बदलती हैं। लेकिन एक नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। स्टडी कहती है कि पृथ्वी की सबसे भीतरी परत ने अपने घूमने की गति कम कर दी है। जिससे कि एक दिन का समय जो 24 घंटे का होता है, वह बदल सकता है। लेकिन यह बदलाव बहुत ही छोटा होगा। 

स्टडी में कहा गया है कि धरती की सबसे भीतरी परत जिसे कोर (Core) कहते हैं, इसका अंदरूनी भाग अब पहले की बजाए धीमे घूम रहा है। कोर के दो भाग हैं- एक भातरी कोर, और एक बाहरी कोर। भीतरी कोर 2010 के बाद से धीमे घूमती आ रही है। इससे दिन की लम्बाई एक सेकंड के कुछ हिस्से के बराबर बदल सकती है। 

पृथ्वी की भातरी परत कोर का अंदरूनी हिस्सा एक ठोस गोला माना जाता है जो लोहे और निकल जैसी धातुओं से बना है। जबकि इसी का जो बाहरी भाग है, वह लिक्विड का बना है जिसमें पिघली हुई धातुएं हैं। इसके बाद पृथ्वी की अन्य दो बाहरी परते हैं। कोर के बाद मेंटल परत मौजूद है और उसके बाद सबसे ऊपरी परत क्रस्ट है, जिस पर हम रहते हैं। 

शोधकर्ता इन परतों के बारे में तरंगों के माध्यम से स्टडी करते हैं। ये तरंगें भूकंपों के दौरान बाहर भेजी जाती हैं। शोधकर्ता इन्हें रिकॉर्ड करके तीनों परतों की स्थिति और कम्पोजीशन का पता लगाते हैं। University of Southern California से स्टडी से जुड़े प्रोफेसर जॉन विडाले का कहना है कि जब उन्होंने पहली बार सिस्मोग्राम तरंगों को देखा तो वे दंग रह गए थे। 

कई दशकों के बाद भातरी कोर की स्पीड कम हो गई है। वहीं, इसके बारे में कुछ स्टडी यह भी कहती हैं कि यह पृथ्वी की स्पीड से भी ज्यादा तेज गति से घूम रही है। इसका घूमना बाहरी कोर के द्वारा पैदा किए जाने वाले मेग्नेटिक फील्ड से प्रभावित होता है। साथ ही मेंटल के गुरुत्वाकर्षण का भी प्रभाव इस पर बताया जाता है। 

University of California San Diego से शोधकर्ता Duncan Agnew का कहना है कि लिक्विड कोर की गति भी पृथ्वी की गति से कम हो चुकी थी। इस प्रभाव को कम करने के लिए धरती के सॉलिड भाग ने अधिक तेज गति से घूमना शुरू कर दिया था। 1972 से कुछ सालों बाद एक लीप सेकंड UTC टाइम में जोड़ने की जरूरत देखी जा रही है, क्योंकि माना जाता है कि धरती हमेशा एक ही स्पीड से नहीं घूमती है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Huawei Band 10 फिटनेस बैंड इन 6 कलर ऑप्शन के साथ देगा दस्तक! लीक हुए स्पेसिफिकेशन्स
  2. Xiaomi 15 Ultra के लॉन्च से कुछ हफ्तों पहले लीक हुई कीमत; पहले ही लीक हो चुके हैं स्पेसिफिकेशन्स!
  3. Meta Brain Typing: आप सोचेंगे और यह टाइप करेगा, जानें कैसे काम करती है यह टेक्नोलॉजी?
  4. 12GB रैम, 6550mAh बैटरी वाले Poco X7 Pro 5G को खरीदें Rs 3 हजार सस्ता, डील लिमिटेड टाइम के लिए लाइव!
  5. Xiaomi Fascia Gun 3 Mini: करीब 2,700 रुपये वाला यह छोटा मसाजर जेब में हो जाता है फिट, जानें खासियतें
  6. QRing 3 Pro स्मार्ट रिंग 60 दिन तक बैटरी लाइफ के साथ लॉन्च, जानें कीमत
  7. लंदन के स्टेशन पर बंगाली साइनबोर्ड! छिड़ गई बहस, Elon Musk ने दिया ऐसा रिएक्शन
  8. Samsung Galaxy S25 या Vivo X200, दोनों स्मार्टफोन्स में कौन ज्यादा बेहतर?
  9. OnePlus Watch 3 सिंगल चार्ज में 16 दिन चलेगी! 18 फरवरी को होगी लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  10. Samsung का सस्ता फोन Galaxy F06 5G लॉन्च होगा Rs 10 हजार से भी कम में! 6GB रैम, 50MP कैमरा जैसे फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »