• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • अपना टाइम आ गया! अगले साल धरती से 400km ऊपर स्‍पेस स्‍टेशन की उड़ान भरेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री

अपना टाइम आ गया! अगले साल धरती से 400km ऊपर स्‍पेस स्‍टेशन की उड़ान भरेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री

भारत भी अपने पहले ह्यूमन स्‍पेस मिशन ‘गगनयान’ पर काम कर रहा है, जो साल 2024 के आखिर में या साल 2025 की शुरुआत में लॉन्‍च हो सकता है।

अपना टाइम आ गया! अगले साल धरती से 400km ऊपर स्‍पेस स्‍टेशन की उड़ान भरेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री

भारत के अर्टेमिस समझौते में शामिल होने के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि हमने अंतरिक्ष सहयोग में नया कदम आगे बढ़ाया है।

ख़ास बातें
  • भारत और अमेरिका के बीच हुआ समझौता
  • साइंस और स्‍पेस के क्षेत्र में हो रहा सहयोग
  • भारतीय अंतरिक्ष यात्री को आईएसएस पर भेजने की योजना
विज्ञापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्‍न समझौतों पर अंतिम मुहर लग रही है। साइंस और स्‍पेस के क्षेत्र में भी सहयोग स्‍थापित किया जा रहा है। अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका की नासा और भारत की स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ह्यूमन स्‍पेस फ्लाइट ऑपरेशंस के लिए एक रणनीतिक फ्रेमवर्क डेवलप कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के एक अंतरिक्ष यात्री को साल 2024 तक इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर भेजने की योजना है, जो जमीन से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष से पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाता है। 

एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भारत आर्टेमिस समझौते पर साइन कर रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि नासा और इसरो इस वर्ष ह्यूमन स्‍पेस फ्लाइट ऑपरेशंस के लिए एक रणनीतिक फ्रेमवर्क डेवलप कर रहे हैं। गौरतलब है कि आर्टिमिस मिशन के तहत नासा एक बार फ‍िर से इंसानों को चंद्रमा पर भेजना चाहती है। आर्टेमिस समझौते के जरिए विभि‍न्‍न देशों को इस मिशन से जोड़ा जा रहा है। 

वहीं, पीटीआई के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद कहा कि भारत और अमेरिका साल 2024 तक इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की तैयारी कर रहे हैं। भारत भी अपने पहले ह्यूमन स्‍पेस मिशन ‘गगनयान' पर काम कर रहा है, जो साल 2024 के आखिर में या साल 2025 की शुरुआत में लॉन्‍च हो सकता है। 

भारत के अर्टेमिस समझौते में शामिल होने के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि हमने अंतरिक्ष सहयोग में नया कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मिलकर काम करने की असीमित संभावनाएं हैं।

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भी अमेरिकी कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए पार्टनरशिप कर रही हैं। अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने कहा है कि वह गुजरात में सेमीकंडक्टर प्‍लांट लगाएगी और इसके जरिए कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा। दो चरणों में विकसित किए जाने वाले इस प्‍लांट पर कंपनी 82.5 करोड़ डॉलर का इन्‍वेस्‍टमेंट करेगी। बाकी पैसा और निवेश केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. EV के मार्केट में MG Motor का दमदार प्रदर्शन, कंपनी की Windsor EV को जोरदार रिस्पॉन्स
  2. एस्टरॉयड का खतरा टल गया! नासा ने एस्टरॉयड 2024 YR4 को लेकर जारी की ताजा रिपोर्ट
  3. Nothing Phone 3a, 3a Pro का प्राइस लीक, Rs 25 हजार से कम होगी कीमत! लॉन्च से पहले जानें सबकुछ
  4. Xiaomi 15 Ultra होगा MWC 2025 में लॉन्च, जानें सबकुछ
  5. Tecno MWC 2025 में लॉन्च करेगी सबसे हल्का लैपटॉप Megabook S14, Camon 40 सीरीज और AI Glasses भी, जानें फीचर्स
  6. नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने की थी क्रिप्टोकरेंसी की सबसे बड़ी चोरी, FBI का खुलासा
  7. Realme 14 Pro 5G से लेकर Xiaomi 15 Ultra तक, MWC 2025 में लॉन्च हो रहे हैं ये स्मार्टफोन
  8. Honor Magic V2 Flip फोन में मिलेगा LTPO डिस्प्ले, Snapdragon 8 Gen 3 प्रोसेसर! हुआ पहला खुलासा
  9. Chhaava Box Office Collection Day 15: बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है 'छावा'! पहुंची 425 करोड़ के पार
  10. भारत में टैबलेट की बिक्री बढ़कर 57 लाख यूनिट्स से ज्यादा, सैमसंग का पहला स्थान बरकरार
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »