• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 400 साल पहले विलुप्त हो चुका 23 किलो का डोडो पक्षी फिर होगा जिंदा! जेनेटिक इंजीनियरिंग कंपनी का दावा

400 साल पहले विलुप्त हो चुका 23 किलो का डोडो पक्षी फिर होगा जिंदा! जेनेटिक इंजीनियरिंग कंपनी का दावा

जीन स्टडी के आधार पर जो निष्कर्ष निकाला गया है, उसके मुताबिक डोडो को कबूतरों का करीबी माना जाता है।

400 साल पहले विलुप्त हो चुका 23 किलो का डोडो पक्षी फिर होगा जिंदा! जेनेटिक इंजीनियरिंग कंपनी का दावा

Photo Credit: Wikimedia commons

जीन स्टडी के आधार पर जो निष्कर्ष निकाला गया है, उसके मुताबिक डोडो को कबूतरों का करीबी माना जाता है।

ख़ास बातें
  • डोडो को कबूतरों का करीबी माना जाता है।
  • डोडो को 1507 में सबसे पहले देखा गया था।
  • उसके बाद इन्हें मारकर खाया जाने लगा जिससे इनकी संख्या कम होती चली गई।
विज्ञापन
अमेरिका की एक रिसर्च फर्म एक ऐसी कोशिश करने जा रही है जो अब से पहले किसी ने नहीं की। आधुनिक युग में साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि मनुष्य के पास प्रकृति से विलुप्त हो चुकी प्रजातियों को फिर से जीवित करने की भी ताकत आ गई है, जैसा कि इस रिसर्च फर्म के दावे से साबित होता दिख रहा है। कोलोसल बायोसाइंसेज (Colossal Biosciences) नामक रिसर्च फर्म का कहना है कि वह 400 साल पहले विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रही है। 

डोडो पक्षी 17वीं शताब्दी में धरती से विलुप्त हो गया था। अब कोलोसल बायोसाइंसेज का कहना है कि वह जेनेटिक बदलावों के माध्यम से इसे फिर से जीवित करना चाहती है। इसके लिए कंपनी जीन एडिटिंग का सहारा लेने की बात कह रही है। अगर ऐसा हो जाता है तो वैज्ञानिकों की ओर से मनुष्य जाति के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। Colossal Biosciences डोडो से संबंधित पूरी रिसर्च को इसकी अधिकारिक वेबसाइट पर पेश किया है जिसमें फर्म ने डोडो को पुनर्जीवित करने का तरीका भी बताया है। 
int5af6

Photo Credit: wikimedia commons

यह बात तभी सच साबित हो सकती है जब इस फर्म ने डोडो के जीनोम को पूरी तरह से पढ़ लिया हो और उसे डीकोड कर लिया हो। यहां के वैज्ञानिकों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए वैज्ञानिक स्टेम सेल तकनीक की मदद ले रहे हैं जिससे 350 साल पहले तक विलुप्त हो चुकी प्रजातियों को फिर से जीवित किया जा सकेगा। अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में डायनासोर जैसे भारी भरकम जीव भी धरती पर फिर से घूमते नजर आ सकते हैं। वहीं, रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि जीन एडिटिंग के माध्यम से यह संभव हो सकता है। 

जीन स्टडी के आधार पर जो निष्कर्ष निकाला गया है, उसके मुताबिक डोडो को कबूतरों का करीबी माना जाता है। यह एक भारी भरकम चिड़िया हुआ करती थी जिसका वजन 13 किलो से लेकर 23 किलो तक हो सकता था। देखने में यह एक पक्षी था लेकिन यह उड़ नहीं सकता था। डोडो को 1507 में सबसे पहले देखा गया था। उसके बाद इन्हें मारकर खाया जाने लगा और धीरे धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। फिर 17वीं शताब्दी में इनकी प्रजाति ही विलुप्त हो गई। कोलोसल बायोसाइंसेज के वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इसमें कामयाबी हासिल हो जाती है तो हम ऐसी प्रजातियों को बचा सकेंगे जो अब बिल्कुल विलुप्त होने के कगार पर हैं। साइंस के सहारे वैज्ञानिक इसे हकीकत बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo T4R 5G vs Samsung Galaxy F36 5G vs Moto G96 5G: जानें 20 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  2. लैपटॉप की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए ये टिप्स करें फॉलो
  3. घर बैठे कैसे निकालें PF का पैसा, मिनटों में होगा काम, जानें प्रक्रिया
  4. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
  5. ये हैं 7000mAh+ बैटरी वाले धांसू स्मार्टफोन, बार-बार चार्ज करने के झंझट से मिल जाएगा छुटकारा
  6. Realme 15 Pro का Game of Thrones एडिशन जल्द हो सकता है लॉन्च
  7. टैबलेट की बढ़ी डिमांड, Apple का पहला स्थान बरकरार
  8. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  10. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »