पक्षियों के विकास से संबंधित वैज्ञानिकों के हाथ एक नई खोज लगी है। चीन के वैज्ञानिकों ने एक पक्षी का जीवाश्म खोजा है जो कि 15 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है। इसका नाम बेमिनॉर्निस झेंगेंसिस है जिसे झेंघे काउंटी, फुजियान प्रांत में पाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस जीवाश्म की खोज से पक्षियों के विकास के बारे में जानकारी और ज्यादा गहरी होगी।
15 करोड़ साल पुराने इस
पक्षी के जीवाश्म को देखकर कई बातें पता चलती हैं। इसकी एक छोटी पूंछ है जो पाइगोस्टाइल में जाकर खत्म हो जाती है। यह वही विशेषता है जो आजकल के पक्षियों में भी पाई जाती है। इससे पता चलता है कि वर्तमान में जो पक्षी हम देख रहे हैं उनका विकास बहुत पहले हुआ होगा। यह अंतर 2 करोड़ साल का हो सकता है। यानी अभी तक पक्षियों के विकास का इतिहास जो माना जाता रहा है वह 2 करोड़ साल और पहले का हो सकता है। यह
खोज इस बात का संकेत देती है कि पक्षियों का विकास वैज्ञानिकों के पहले के अनुमान से भी पहले हुआ था।
इस जीवाश्म के बारे में रोचक तथ्य यह भी है कि इसमें आधुनिक और प्राचीन, दोनों तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसके कंधे पक्षी जैसे हैं और पेडू करधनी (pelvic girdle) भी वैसी ही है। लेकिन इसके हाथ डायनासोर जैसे हैं। चीनी साइंस अकेडमी के प्रमुख वैज्ञानिक वांग मिन का कहना है कि इसके ऐसे लक्षण देखकर इससे एक रहस्यमय संयोजन पैदा होता है। शिक्षाविद् झोउ झोंगहे के अनुसार, यह खोज पिछली मान्यताओं को चुनौती देती है।
इससे पहले, आर्कियोऑप्टेरिक्स (Archaeopteryx) जुरासिक काल का एकमात्र ज्ञात पक्षी था। लेकिन खोजा गया यह नया जीवाश्म बताता है कि उस समय के दौरान अन्य प्रारंभिक पक्षी भी मौजूद थे। जीवाश्म की गहन स्टडी से पता चलता है कि यह आधुनिक पक्षियों की ओर विकास के पथ पर चला आ रहा था। टीम का कहना है कि इस प्राचीन पक्षी में पुरानी और उन्नत विशेषताओं का मिश्रण मोज़ेक विकास (mosaic evolution) का एक उदाहरण है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस जीवाश्म की खोज से पक्षियों के विकास के बारे में जानकारी और ज्यादा गहरी होगी।
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