मंगल ग्रह पर दिखा ‘डरावना स्‍माइली’, स्‍पेस एजेंसी ने बताया तस्‍वीर का सच

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल ग्रह पर दिखी अजीब से तस्‍वीर को शेयर किया है। यह तस्‍वीर एक डरावने स्‍माइली चेहरे की है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 9 सितंबर 2024 15:28 IST
ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर दिखा 'डरावना स्‍माइली चेहरा'
  • यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने शेयर की तस्‍वीर
  • बताया कि यह क्‍लोराइड नमक का भंडार है

यह इस इलाके में जीवन मौजूद होने के संकेत भी देता है।

Photo Credit: ESA

Mars Creepy Smiley Face : पृथ्‍वी के बाद वैज्ञानिकों ने किसी ग्रह को सबसे ज्‍यादा टटोलना चाहा है, तो वह मंगल ग्रह है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) समेत तमाम एजेंसियों ने अपने मिशनों को वहां भेजा है, जो लाल ग्रह के बारे में नई जानकारियां जुटा रहे हैं। ऐसी ही एक जानकारी में यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल ग्रह पर दिखी अजीब से तस्‍वीर को शेयर किया है। यह तस्‍वीर एक डरावने स्‍माइली चेहरे की है। एक बारगी ऐसा लगता है जैसे आकृति को किसी ने उकेरा हो, लेकिन यह मंगल ग्रह पर मिल रहे उन सबूतों में से एक है, जिससे वहां अतीत में जीवन की मौजूदगी का पता चलता है।  
यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने बताया है कि मंगल ग्रह पर दिख रहा ‘डरावना स्माइली चेहरा' जैसी इमेज असल में 
क्लोराइड नमक का भंडार है। यह तस्‍वीर ने एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) ने कैप्‍चर की है। ईएसए ने लिखा है कि मंगल ग्रह पर कभी नदियां, झीलों और शायद महासागरों की मौजूदगी थी। वहां मिले क्‍लोराइड नमक के भंडार से उस अतीत का पता लगाने में मदद मिल सकती है। 
 

इस खोज का बहुत महत्‍व है। क्‍लोराइड नमक का भंडार मंगल ग्रह पर मिलना यह दर्शाता है कि वहां कभी पानी हुआ करता है, शायद अरबों साल पहले। यह इस इलाके में जीवन मौजूद होने के संकेत भी देता है। इससे यह भी पता चलता है कि अरबों साल पहले इस इलाके की जलवायु रहने लायक रही होगी। वैज्ञानिकों को लगता है कि इस जगह पर ऐसे सूक्ष्‍म जीव मौजूद हो सकते हैं, जो मंगल की कठाेर जलवायु में सुरक्षित हैं। 

ESA ने अपने इंस्‍टाग्राम हैंडल पर फोटो शेयर की, जिसे 9 हजार से ज्‍यादा लाइक्‍स मिल गए हैं। तस्‍वीर पर यूजर्स ने कई दिलचस्‍प कमेंट भी किए हैं। एक ने लिखा, इसे S24 अल्‍ट्रा प्रो मैक्‍स से शूट किया गया। 
Advertisement

एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर मिशन को साल 2016 में लॉन्‍च किया गया था। यह 7 साल के लिए प्रस्‍तावित था, लेकिन साढ़े 8 साल मिशन को हो गए हैं और यह अब भी काम कर रहा है। यह यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) और रूसी स्‍पेस एजेंसी रॉस्‍कोस्‍मॉस का जॉइंट प्रोजेक्‍ट है। दोनों ने मिलकर ऑर्बिटर और एक लैंडर को मंगल ग्रह पर भेजा था। ऑर्बिटर तो सही से काम कर रहा है, पर लैंडर क्रैश हो गया था। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Moto G (2026), Moto G Play (2026) लॉन्च, 5200mAh बैटरी, डाइमेंसिटी 6300 प्रोसेसर से लैस
  2. 7000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ Moto G67 Power 5G लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone पर कौन सा ऐप कर रहा है ट्रैक, जानें कैसे करें चेक
  2. Redmi Turbo 5 Pro में मिल सकती है 9,000mAh की जंबो बैटरी
  3. 50MP कैमरा, 4800mAh बैटरी के साथ Motorola Edge 70 लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  4. Moto G (2026), Moto G Play (2026) लॉन्च, 5200mAh बैटरी, डाइमेंसिटी 6300 प्रोसेसर से लैस
  5. 7000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ Moto G67 Power 5G लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  6. ऑनलाइन गेमिंग पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
  7. 50% से ज्यादा डिस्काउंट के साथ मिल रहे ये एयर प्यूरिफायर, Amazon और Flipkart पर जबरदस्त डील
  8. मुफ्त चाहिए Amazon Prime और Netflix तो Jio के ये प्लान हैं जबरदस्त
  9. Vivo Y19s 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 12 हजार में कौन है बेस्ट
  10. 22 हजार रुपये सस्ता मिल रहा 48 मेगापिक्सल कैमरा वाला iPhone
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.