‘गले की फांस’ बन गया चीन की स्‍पेस कंपनी iSpace का रॉकेट, 7 में से 4 बार फेल, जानें पूरा मामला

रॉकेट का पहला, दूसरा और तीसरा स्‍टेज सामान्य रूप से उड़े, लेकिन चौथा स्‍टेज असामान्य तरीके से काम कर रहा था, जिससे लॉन्च मिशन विफल हो गया।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 जुलाई 2024 13:38 IST
ख़ास बातें
  • चीनी कंपनी iSpace का स्‍पेस मिशन फेल
  • हाइपरबोला-1 रॉकेट नहीं पहुंच सका मंजिल तक
  • सात कोशिशों में अबतक 4 बार हुआ है फेल

पुरानी तस्‍वीर।

Photo Credit: ispace

iSpace Launch fail : जब से स्‍पेस सेक्‍टर में प्राइवेट कंपनियों का आना शुरू हुआ है, इसकी प्रोडक्टिविटी बढ़ी है। अमेरिका की स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) सबसे बड़ा उदाहरण है। स्‍पेसएक्‍स के बनाए रॉकेट सफलता के साथ अंतरिक्ष मिशनों को पूरा कर रहे हैं। कंपनी दुनिया का सबसे भारी रॉकेट बनाने की ओर भी बढ़ गई है। लेकिन हर कोई स्‍पेसएक्‍स नहीं होता। चीन की iSpace के अंतरिक्ष मिशन लगातार फेल हो रहे हैं। आईस्‍पेस को हालिया नाकामयाबी पिछले हफ्ते मिली, जब उसका एक रॉकेट अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाया।

स्‍पेसन्‍यूज की रिपोर्ट के अनुसार, iSpace के सातवें हाइपरबोला-1 रॉकेट (Hyperbola-1 rocket) ने गोबी रेगिस्‍तान में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्‍च सेंटर से उड़ान भरी थी। वह पृथ्‍वी की कक्षा में एक ‘अनाम' पेलोड लेकर उड़ रहा था, पर लक्ष्‍य तक नहीं पहुंच सका।     

आईस्पेस ने एक अपडेट में लिखा कि रॉकेट का पहला, दूसरा और तीसरा स्‍टेज सामान्य रूप से उड़े, लेकिन चौथा स्‍टेज असामान्य तरीके से काम कर रहा था, जिससे लॉन्च मिशन विफल हो गया। कंपनी ने कहा है कि ड‍िटेल जांच के बाद वह यह बताएगी कि मिशन क्‍यों फेल हुआ। 

हाइपरबोला-1 (Hyperbola-1) रॉकेट ने जुलाई 2019 में सफल शुरुआत की थी। लेकिन यह रॉकेट अगले तीन मिशनों में फेल रहा, जो फरवरी 2021, अगस्त 2021 और मई 2022 में उड़े थे। पिछले साल अप्रैल में इसकी उड़ान सफल रही थी। हालांकि तब कोई पेलोड उसमें मौजूद नहीं था। पिछले साल दिसंबर में अपनी छठी उड़ान में हाइपरबोला-1 ने एक सैटेलाइट को ऑर्बिट में पहुंचाया था। लेकिन अब यह रॉकेट एक बार फ‍िर फेल हुआ है। 

हाल के दिनों में कई प्राइवेट कंपनियों के रॉकेट फेल हुए हैं। पिछले महीने एक और चीनी कंपनी स्पेस पायनियर का रॉकेट गलती से लॉन्‍च होकर नजदीकी की पहाड़ी पर क्रैश हो गया था। स्‍पेसएक्‍स के फाल्‍कन-9 रॉकेट को भी मुश्किलों का सामना पिछले हफ्ते करना पड़ा। एक खामी के बार वह 20 स्‍टारलिंक सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में पहुंचाने से नाकाम रहा। 
 
 

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ये भी पढ़े: iSpace, iSpace china, science news hindi, spaceX, Starlink

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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