• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • चीन ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर उड़ाया एयरशिप और बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या था मकसद?

चीन ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर उड़ाया एयरशिप और बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या था मकसद?

चीन के एयरशिप ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर 30 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उड़ान भरी। यह उड़ान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई।

चीन ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर उड़ाया एयरशिप और बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या था मकसद?

Photo Credit: CGTN

ख़ास बातें
  • इस एयरशिप ने 9,032 मीटर ऊपर उड़ान भरी
  • माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है
  • एवरेस्ट पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई
विज्ञापन
चीन ने वायुमंडलीय संरचना से संबंधित डेटा और सतह से वाटर वैपर ट्रांस्पोर्टिंग प्रोसेस के बारे में अधिक जानकारी जुटाने और उसका अध्ययन करने के लिए रिकॉर्ड ऊंचाई के साथ माउंट एवरेस्ट पर एक एयरशिप उड़ाया है। मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि यह एयरशिप माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) से 9,032 मीटर ऊपर उड़ान भरी। बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है।

चीन के इंटरनेशनल TV चैनल CGTN के अनुसार, चीन के एयरशिप ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर 30 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उड़ान भरी। यह उड़ान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई। इस एयरशिप का नाम Jimu No. 1 बताया जा रहा है, जो 2.625 टन वजनी है और इसका वॉल्यूम 9,060 क्यूबिक मीटर है। इसके नीचे जुड़े वाहन का वजन 90 टन है।

मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, एयरशिप का इस्तेमाल मुख्य रूप से वातावरण संरचना डेटा रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है, जिसमें पर्यावरण में मौजूद ब्लैक कार्बन, धूल, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की जानकारी मिल सके। वैज्ञानिक सतह से 9,000 मीटर की ऊंचाई तक वाटर वैपर के ट्रांस्पोर्टिंग प्रोसेस का भी अध्ययन कर रहे हैं।

चीनी के इस "Earth Summit Mission 2022" अभियान में चीनी विज्ञान अकादमी, तिब्बती पठार अनुसंधान संस्थान और एयरोस्पेस सूचना अनुसंधान संस्थान, चांगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स, फाइन मैकेनिक्स एंड फिजिक्स के रिसर्चर्स शामिल हैं।

इस अभियान के दौरान, बेस कैंप से एक दर्जन ओजोनसोंडे गुब्बारे लॉन्च किए गए थे, जो 5,200 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे, जबकि सबसे ऊंचा गुब्बारा बेस कैंप से 39.1 किमी ऊपर पहुंचा था।

पेकिंग विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रमुख झू टोंग (Zhu Tong) ने CGTN को बताया (अनुवादित) "हम मुख्य रूप से ओजोन को देखना चाहते हैं, जो समताप मंडल में सूर्य की यूवी किरणों को अवरुद्ध करने और मानव को एक सुरक्षात्मक परत प्रदान करने के लिए फायदेमंद है, और जमीन पर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जहां यह सक्रिय हो जाता है और हमारी श्वसन प्रणाली के लिए हानिकारक होता है।"
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , China, Mount Everest
नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme C65 5G MediaTek Dimensity 6300 SoC के साथ इस सप्ताह होगा लॉन्च 
  2. 108MP कैमरा, 8GB रैम, 5000mAh बैटरी के साथ itel S24 स्‍मार्टफोन लॉन्‍च, जानें प्राइस
  3. OnePlus Nord CE 3 पर डिस्काउंट की पेशकश, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Vu Cinema TV 2024 Edition भारत में 43, 55 इंच डिस्प्ले के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
  5. Coolie Teaser : रजनीकांत की 171वीं फ‍िल्‍म ‘कुली’ का टीजर आउट, सोशल मीडिया पर ‘धूम’
  6. Pink Moon 2024 : क्‍या आज पूर्णिमा पर चांद गुलाबी नजर आएगा? यह क्‍यों है सुपरमून? जानें
  7. Samsung ने ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट के साथ लॉन्च किया Galaxy C55
  8. Aliens : पृथ्‍वी तक कैसे पहुंचेंगे एलियंस? नई स्‍टडी ने खोला राज़!
  9. Xiaomi ने रोबोट वैक्यूम S10, हैंडहेल्ड गारमेंट स्टीमर, Redmi Pad SE और Redmi Buds 5A किए लॉन्च
  10. Redmi Pad SE टैबलेट, 8GB RAM और 8000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »