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डिजिटल इन्फर्मेशन पैदा हो रही है। इसे डेटा सेंटरों में स्टोर किया जाता है। डेटा सेंटर को तैयार करने में बहुत ज्यादा जगह की जरूरत होती है। कंपनियों को डेटा सेंटर में कूलिंग का इंतजाम भी करना पड़ता है, जिसमें बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है। इससे निपटने के लिए चीन एक नए आइडिया पर काम कर रहा है। वह पानी के अंदर डेटा सेंटर बना रहा है। हालांकि यह कोई आसान काम नहीं है, पर अगर ऐसा हो जाता है, तो सीधे तौर पर दो फायदे होंगे।
चाइना डेली की एक
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की योजना साल 2025 तक 100 डेटा सेंटर ब्लॉक लगाने की है। इसके लिए 68 हजार वर्ग मीटर जगह चाहिए होगी। आसान भाषा में समझाएं तो इतनी जगह में 13 फुटबॉल मैदान बनाए जा सकते हैं। डेटा सेंटर पानी के अंदर होंगे तो जगह की बचत हो जाएगी।
रिपोर्ट कहती है कि चीन के हैनान प्रांत में समुद्र के तट पर दुनिया का पहला कमर्शल अंडरवॉटर डेटा सेंटर बनाने का काम चल रहा है। यह एक गेम चेंजर होगा क्योंकि लगभग 60 लाख कंप्यूटरों की जरूरत इससे पूरी की जा सकेगी।
समुद्र में लगभग 35 मीटर नीचे इस डेटा सेंटर को स्थापित किया जा रहा है। डेटा सेंटर का एक फायदा यह भी होगा कि बड़ी मात्रा में बिजली बचाई जा सकेगी। याद रहे कि डेटा सेंटरों को AC के जरिए ठंडा रखा जाता है। समुद्र में लगाए जा रहे डेटा सेंटर को AC की जरूरत नहीं होगी और हर घंटे 122 मिलियन किलोवॉट बिजली की बचत होगी। इतनी बिजली करीब डेढ़ लाख चीनी नागरिकों की जरूरत पूरा कर सकती है।
फिर भी चीन के लिए यह काम आसान नहीं है। डेटा सेंटरों को पानी में फिट करना ही बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि पानी का दबाव मशीनों को बर्बाद कर सकता है। अगर चीन पानी के अंदर 100 डेटा सेंटर तैयार कर लेता है, तो करीब 60 लाख कंप्यूटरों को इससे सपोर्ट मिल पाएगा।
रिपोर्ट कहती है कि पानी के अंदर डेटा सेंटर बनाने का आइडिया नया नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट भी इसका प्लान बना चुकी है। हालांकि इस दिशा में चीन ने पहले कदम उठाया है। हैनान में लग रहे डेटा सेंटर को तैयार करने में सरकार के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों की भी भागीदारी है। हरेक डेटा सेंटर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह 25 साल तक ऑपरेट हो सके।