Chandrayaan 4 Mission : भारत और उसकी स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने पिछले साल
चंद्रयान-3 मिशन को चांद की सतह पर लैंड कराकर इतिहास रचा था। भारत दुनिया का पहला देश बन गया था, जिसके विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की थी। इस उपलब्धि के बाद चंद्रयान-4 मिशन की चर्चा शुरू हो गई थी। अब पहली बार इसरो की तरफ से चंद्रयान-4 के बारे में जानकारी दी गई है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-4 को दो भागों में लॉन्च किया जाएगा और इसके पार्ट्स स्पेस में जोड़े जाएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने इंडिया स्पेस कांग्रेस 2024 में यह बात कही। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4, चांद से सैंपल लेकर आएगा। गौरलतब है कि इसी सप्ताह चीन का चांगई 6 मिशन चंद्रमा से 2 किलो सैंपल लेकर पृथ्वी पर पहुंचा है। उसने सैंपल चंद्रमा के सुदूर इलाके से जुटाए जो हमारी पृथ्वी से नहीं दिखता। चांद के सुदूर हिस्से से सैंपल लाने वाला चीन दुनिया का पहला देश बन गया है।
बहरहाल, भारत के चंद्रयान-4 मिशन की बात करें तो इसरो चीफ का कहना है कि मिशन को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा। स्पेसक्राफ्ट के तमाम पार्ट्स को दो लॉन्च के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और चांद पर लैंडिंग कराने से पहले स्पेसक्राफ्ट के पार्ट्स अंतरिक्ष में जोड़े जाएंगे।
दो हिस्सों में क्यों लॉन्च होगा मिशन?
इसरो का कहना है कि चंद्रयान-4 की वजन क्षमता इसरो के पास मौजूद सबसे पावरफुल रॉकेट से ज्यादा हो सकती है। इस वजह से मिशन को दो हिस्सों में लॉन्च करने की तैयारी है। ऐसा होता है तो यह दुनिया का पहला मिशन होगा, जिसे दो भागों में उड़ाया जाएगा और स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा।
अगर यह मिशन सफल होता है तो इसरो दुनिया में इतिहास रच देगा। इसरो चीफ ने यह भी बताया है कि मिशन का मकसद चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस आना है। इसरो फिलहाल इस बात पर काम कर रहा है कि स्पेस में स्पेसक्राफ्ट को कैसे जोड़ा जाएगा। मिशन लॉन्च करने से पहले इसरो इस क्षमता को दूसरे मिशन के जरिए कन्फर्म करना चाहेगा।
अभी तक दुनिया के तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस आ पाए हैं। भारत भी ऐसा कर लेता है, तो उसकी उपलब्धि एकदम अलग होगी।