जिसका डर था, वही हुआ! पृथ्‍वी से टकराया ‘बहुत बड़ा’ सौर तूफान, अमेरिका पर दोहरी मार

Solar Storm : गुरुवार रात करीब 9 बजे पृथ्‍वी से एक ‘बहुत बड़ा’ सौर तूफान टकराया। इसकी वजह से बिजली ग्रिडों पर असर हो सकता है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 11 अक्टूबर 2024 13:26 IST
ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी से टकराया बहुत बड़ा सौर तूफान
  • अस्‍थायी रेडियो ब्‍लैकआउट हो सकते हैं
  • अमेरिका में साइक्‍लोन राहत कार्य पर पड़ सकता है असर

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं।

Solar Storm : कई दिनों से वैज्ञानिक जिस खतरे को लेकर आशंकित थे, वह अब दस्‍तक दे चुका है। भारतीय समय के अनुसार, गुरुवार रात करीब 9 बजे पृथ्‍वी से एक ‘बहुत बड़ा' सौर तूफान टकराया। इसकी वजह से बिजली ग्रिडों पर असर हो सकता है। जीपीएस और रेडियो कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम्‍स अस्‍थायी रूप से प्रभावित हो सकते हैं। सौर तूफान के कारण उन इलाकों में भी ऑरोरा (Aurora) दिखाई दे सकते हैं, जहां आमतौर पर नहीं दिखाई देते। इस सौर तूफान से अमेरिकी एजेंसियां चिंतित हैं। उन्‍हें आशंका है कि इसके कारण अमेरिका में हेलेन और मिल्‍टन साइक्‍लोन से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय प्रभावित हो सकते हैं।  

सौर तूफानों को लेकर अलर्ट जारी करने वाली एजेंसियों में से एक NOAA के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, मंगलवार शाम को सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) विस्फोट हुआ था। यह गुरुवार को 24 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की स्‍पीड से पृथ्‍वी पर पहुंचा। 

चीन की शिन्हुआ न्‍यूज एजेंसी ने बताया कि सौर तूफान का लेवल G4 (गंभीर) है। इसकी वजह से दुनिया के तमाम इलाकों में रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है। बिजली ग्रिड और जीपीएस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। 

गौरतलब है कि इस सप्‍ताह की शुरुआत में सूर्य में एक पावरफुल विस्‍फोट हुआ था। उससे इतना पावरफुल सोलर फ्लेयर निकला था, जोकि 7 साल में सबसे ज्‍यादा था। वह सोलर फ्लेयर एक्‍स-क्‍लास (X class) कैटिगरी का था। 
 

What is Solar Flare 

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे पावरफुल विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद पार्टिकल्‍स, प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। 
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What is CME (कोरोनल मास इजेक्शन) 

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
 
 

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