हमारा सोलर सिस्टम, या सौरमंडल Milky Way गैलेक्सी में मौजूद है। Milky Way आकाशगंगा के भी 4 भाग हैं जिसमें से सबसे बाहरी सर्कल में हमारा सौरमंडल मौजूद है। यह आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। यानि कि जैसे सूरज के चारों ओर हमारे ग्रह परिक्रमा कर रहे हैं, वैसे ही Milky Way गैलेक्सी में हमारा सूरज 8 ग्रहों को अपने साथ लिए इसकी परिक्रमा रहा है। इसी तरह की न जाने कितनी ही आकाशगंगाएं हैं जिनमें लाखों सूरज मौजूद हैं और लगातार गोले में घूम रहे हैं।
NASA के अनुसार, सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। सौरमंडल में 12 लाख 98 हजार 368 (12,98,368) एस्टरॉयड मौजूद हैं, और साथ ही 3,880 धूमकेतु बताए जाते हैं। ये सभी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण सूरज के साथ घूम रहे हैं। एस्टरॉयड नाम के चट्टानी टुकड़े कई बार धरती की कक्षा को काटते हैं और इससे टकराने की स्थिति बन जाती है। नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी एस्टरॉयड को ट्रैक करती है। पिछले कई महीनों से एस्टरॉयड के लगातार धरती की ओर आने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के अनुसार, 2 दिन बाद पृथ्वी का सामना कई एस्टरॉयड से होने वाला है। ये एस्टरॉयड 57 फीट से लेकर 150 फीट तक बड़े बताए गए हैं। इनमें से एक है
2023 PQ एस्टरॉयड। यह 110 फीट का चट्टानी टुकड़ा है। यह 48 घंटे बाद धरती के करीब पहुंचने वाला है। पृथ्वी के नजदीक आकर सबसे करीबी बिंदु पर यह केवल 756,000 किलोमीटर दूर रह जाएगा। इसके साइज की तुलना एक बड़े हवाई जहाज से की गई है। खतरा यहीं पर समाप्त नहीं होता है।
नासा ने कहा है कि
2023 OE5 एस्टरॉयड भी उसी दिन पृथ्वी के करीब पहुंचेगा। इसका साइज 60 फीट का है। यह एक बड़े मकान के जितना एस्टरॉयड है। इसकी स्पीड 13934 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। यह एस्टरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंध रखता है। पहली बार इसे 24 जुलाई 2023 को देखा गया था। नासा कहती है कि कोई एस्टरॉयड जब 75 लाख किलोमीटर से ज्यादा नजदीक आ जाता है तो यह पृथ्वी के लिए खतरनाक हो जाता है। इसलिए एस्टरॉयड पर नजर रखना जरूरी है।
Asteroid 2023 OE5 धरती के पास 15.5 लाख किलोमीटर तक करीब आने वाला है जो कि बहुत की कम दूरी है। इतने करीब आकर एस्टरॉयड के ग्रह से टकराने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि ग्रह का प्रबल गुरुत्वाकर्षण इसे खींच सकता है।