• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्‍म करने वाला एस्‍टरॉयड दुनिया में एक और तबाही लाया था, जानें

6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्‍म करने वाला एस्‍टरॉयड दुनिया में एक और तबाही लाया था, जानें

वैज्ञानिक इस निष्‍कर्ष तक अपने पहले सिम्‍युलेशन से पहुंचे हैं। यह शोध एजीयू एडवांस पत्रिका में प्रकाशित होने वाला है।

6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्‍म करने वाला एस्‍टरॉयड दुनिया में एक और तबाही लाया था, जानें

वह सुनामी साल 2004 में हिंद महासागर में एक भूकंप के बाद आई सुनामी की ऊर्जा से 30,000 गुना ज्‍यादा थी।

ख़ास बातें
  • एक अध्ययन से यह पता चला है
  • मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की स्‍टडी
  • कंंप्‍यूटर मॉडलिंग से पहुंचे निष्‍कर्ष पर
विज्ञापन
6.6 करोड़ साल पहले हमारी धरती से डायनासोर का वजूद एक एस्‍टरॉयड ने खत्‍म कर दिया था। पृथ्‍वी से टकराने वाले उस एस्‍टरॉयड ने ना सिर्फ डायनासोरों को मिटा दिया, बल्कि हमारी पृथ्‍वी के तीन-चौथाई पौधों और पशुओं को भी समाप्‍त कर दिया। अब पता चला है कि उस एस्‍टरॉयड ने उच्‍च तरंगों के साथ दुनिया भर में सुनामी को भी ट्रिगर किया। मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि उस सुनामी ने समुद्र के तल को तहस-नहस करते हुए अपने निशान छोड़ दिए। वैज्ञानिक इस निष्‍कर्ष तक अपने पहले सिम्‍युलेशन से पहुंचे हैं। यह शोध एजीयू एडवांस पत्रिका में प्रकाशित होने वाला है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर्स की टीम ने पिछली स्‍टडी से निष्कर्ष निकाले और 43000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करने वाले 14 किलोमीटर चौड़े एस्‍टरॉयड का मॉडल तैयार किया। इस कंप्‍यूटर मॉडलिंग के दौरान दुनिया भर में 100 साइटों पर हुए भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड को भी ध्‍यान में रखा गया। 

मिशिगन यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन के छात्र मौली रेंज ने कहा कि यह सुनामी दुनिया भर के आधे समुद्र के तल को बर्बाद करने के लिए काफी मजबूत थी। टीम को मिले कुछ सबसे महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक सबूत न्यूजीलैंड के उत्तर और दक्षिण में द्वीपों के पूर्वी तटों पर चिक्सुलब क्रेटर से 12,000 किमी दूर स्थित थे। यहां वैज्ञानिकों ने समुद्र के तल में काफी निशान देखे। 
टीम का अनुमान है कि 6.6 करोड़ साल पहले आई वह सुनामी साल 2004 में हिंद महासागर में एक भूकंप के बाद आई सुनामी की ऊर्जा से 30,000 गुना ज्‍यादा थी। साल 2004 की सुनामी आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी में से एक है।  इस घटना ने 230,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। 

माना जाता है कि 14 किलोमीटर चौड़ा एस्टरॉयड जिस जगह गिरा था, वह वर्तमान में मैक्सिको की खाड़ी है। पुरातत्वविदों का मानना है जिस दिन एस्टरॉयड पृथ्‍वी से टकराया था, उसी दिन डायनासोर मारे गए थे। एस्‍टरॉयड के समुद्र में गिरने से कितना असर हो सकता है, इसका पता बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में चला था। अनुमान है कि लाखों साल पहले एक अन्‍य एस्‍टरॉयड अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसकी वजह से समुद्र तल में 8.5 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा हो गया। यह गड्ढा पश्चिम अफ्रीका के गिनी (Guinea) के तट से लगभग 400 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से लगभग 400 मीटर नीचे पाया गया है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Tesla ने अपनी इलेक्ट्रिक SUV के लिए भारत में शुरू किए ऑनलाइन ऑर्डर, जानें प्राइस, रेंज
  2. OnePlus 15 के साथ लॉन्च हो सकता है OnePlus Ace 6, नया चिपसेट इस्तेमाल कर सकती है कंपनी 
  3. Vivo की V60 के जल्द भारत में लॉन्च की तैयारी, लीक हुआ प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Samsung के फोल्डेबल स्मार्टफोन्स की नई सीरीज को जोरदार रिस्पॉन्स, दक्षिण कोरिया में बना प्री-ऑर्डर्स का रिकॉर्ड
  5. Vi 5G ने अब इस शहर में रखा कदम, जानें कैसे मिलेगा हाई-स्पीड इंटनेट?
  6. Oppo K13 Turbo सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, एक्टिव कूलिंग का मिलेगा फीचर
  7. भारत में AirPods की मैन्युफैक्चरिंग में चीन की अड़चन, रेयर अर्थ मेटल का एक्सपोर्ट रोका
  8. WhatsApp का ये ऐप हो रहा बंद, Meta ला रही नया प्लेटफॉर्म, जानें क्या है प्लान
  9. भारत में स्मार्टफोन्स की सेल्स में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी, Vivo को मिला पहला रैंक
  10. Excitel का मॉनसून ऑफर, 200 Mbps प्लान Rs 600 रुपये से कम कीमत में! जानें पूरी डील
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »