31 हजार Km की ‘विनाशकारी’ स्‍पीड से पृथ्‍वी की ओर आ रहा एस्‍टरॉयड, आज बढ़ाएगा खतरा!

Asteroid : एस्‍टरॉयड ‘2023 JK1’ का साइज 203 फीट तक चौड़ा हो सकता है यानी यह एक हवाई जहाज के जितना बड़ा हो सकता है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 23 मई 2023 10:58 IST
ख़ास बातें
  • 31 हजार 227 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रहा पृथ्‍वी के करीब
  • एस्‍टरॉयड ‘2023 JK1’ का साइज 203 फीट तक चौड़ा हो सकता है
  • ऐसे एस्‍टरॉयड धरती से टकरा जाएं, तो बड़ी तबाही मचा सकते हैं

Asteroid : एस्‍टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जिस प्रकार से हमारे सौर मंडल के ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, उसी प्रकार एस्‍टरॉयड भी सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक एस्‍टरॉयड के बारे में बताया है। यह ‘चट्टानी आफत' आज हमारी पृथ्‍वी के करीब से गुजरने वाली है। खास यह है कि एस्‍टरॉयड 31 हजार 227 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी रफ्तार से धरती के करीब आ रहा है। इस रफ्तार से अगर कोई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही मचा सकता है। यही वजह है कि इसे पृथ्‍वी के लिए ‘संभावित रूप से खतरनाक' की कैटिगरी में शामिल किया गया है और तब तक मॉनिटर किया जाता रहेगा, जब तक यह पृथ्‍वी से बहुत दूर नहीं चला जाता। 

आज धरती के करीब आ रहे एस्‍टरॉयड का नाम ‘2023 JK1' है। इसे इसी साल खोजा गया है। जब यह पृथ्‍वी के करीब होगा तब दोनों के बीच दूरी 65 लाख किलोमीटर रह जाएगी, जोकि अंतरिक्ष की विशालता के आगे कुछ भी नहीं। एस्‍टरॉयड ‘2023 JK1' का साइज 203 फीट तक चौड़ा हो सकता है यानी यह एक हवाई जहाज के जितना बड़ा हो सकता है। यह अमोर ग्रुप के एस्‍टरॉयड्स से संबंधित है। ये ऐसे एस्‍टरॉयड होते हैं, जो पृथ्‍वी की बाहरी कक्षाओं में और मंगल ग्रह की आंतरिक कक्षाओं में घूमते हैं।     

नासा के अनुसार, एस्‍टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जिस प्रकार से हमारे सौर मंडल के ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, उसी प्रकार एस्‍टरॉयड भी सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं। माना जाता है कि अरबों साल पहले जब सौर मंडल का गठन हुआ, तब जो चट्टानी अवशेष बचे रह गए, वही एस्‍टरॉयड कहलाए। वैज्ञानिक अभी तक सभी एस्‍टरॉयड्स का पता नहीं लगा पाए हैं। कई एस्‍टरॉयड सूर्य की चकाचौंध में छुपे होने के कारण टेलीस्‍कोपों की पकड़ में नहीं आते। ज्‍यादातर एस्‍टरॉयड एक मुख्‍य एस्‍टरॉयड बेल्‍ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्‍पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है।

जब किसी एस्‍टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है। नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन साथ में एक नंबर भी उसमें जोड़ा जाता है जैसे- (99942) एपोफिस। कलाकारों, वैज्ञानिकों, ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर भी एस्‍टरॉयड का नाम रखा जाता है। 
 

 

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