• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • अंतरिक्ष में सैटेलाइट की रिफ्यूलिंग और फैक्ट्री बनाने को तैयार है अमेरिका!

अंतरिक्ष में सैटेलाइट की रिफ्यूलिंग और फैक्ट्री बनाने को तैयार है अमेरिका!

NASA के एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगे रॉकेट को त्यागना समझदारी का काम नहीं है।

अंतरिक्ष में सैटेलाइट की रिफ्यूलिंग और फैक्ट्री बनाने को तैयार है अमेरिका!

NASA के एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगे रॉकेट को त्यागना समझदारी का काम नहीं है।

ख़ास बातें
  • NASA का मानना है कि महंगे रॉकेट को त्यागना समझदारी का काम नहीं है
  • सैटेलाइट को स्पेस में ही दोबारा फ्यूल देने के लिए इजाद कर रहे हैं तकनीक
  • सैटेलाइट की सर्विस और रखरखाव के लिए स्पेस में फैक्ट्री बनाने का भी विचार
विज्ञापन
अमेरिकी सरकार अंतरिक्ष में मौजूद अपने महंगे हार्डवेयर का रखरखाव वहीं करने पर काम कर रही है। यहां तक कि कहा जा रहा है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA अपने हार्डवेयर को पृथ्वी के बजाय अंतरिक्ष में भी बनाने पर भी विचार कर रही है। जल्द अमेरिकी सरकार और निजी फर्मों द्वारा विकसित नई टेक्नोलॉजी अंतरिक्ष में सर्विसिंग, असेंबलिंग और यहां तक ​​​​कि निर्माण करना संभव बना देगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बाद चांद पर लंबे समय तक रहना भी मुमकिन हो जाएगा।

Quartz के अनुसार, NASA एक अंतरिक्ष यान में ईंधन भरने के लिए अपने पहले मिशन की योजना बना रहा है। एयरोस्पेस फर्म Northrop Grumman ने सैटेलाइट की लाइफ को बढ़ाने के लिए पहले ही दो मिशन शुरू किए हैं, और जल्द ही एक नए अंतरिक्ष रोबोट का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करने के लिए करेंगे। 
रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी सरकार ने इस साल अप्रैल में इन टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति जारी की थी, जिसका नेतृत्व अंतरिक्ष नीति सलाहकार एज़िने उज़ो-ओकोरो (Ezinne Uzo-Okoro) ने किया, जिन्होंने पहले नासा के लिए काम भी किया था।

Secure World Foundation में स्पेस पॉलिसी एक्सपर्ट ब्रायन वीडन (Brian Weeden) कहते हैं, "यह एक बड़ी बात है क्योंकि अमेरिकी सरकार के सभी विभिन्न विभाग और एजेंसियां एक साथ मिलकर इस बात पर आम सहमति बनाने में सक्षम थे कि अमेरिकी सरकार को सैटेलाइट सर्विस को कैसे बढ़ावा देना चाहिए।"

NASA के एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगे रॉकेट को त्यागना समझदारी का काम नहीं है। उन्होंने इस बात पर विचार किया कि क्या होगा यदि उन्हें फिर से ईंधन दिया जाए, या उन्हें रिपेयर किया जाए? और क्या होगा अगर इन कामों के लिए टूल्स भी अधिक महत्वाकांक्षी और आकर्षक ऑर्बिटल प्रोजेक्ट को जन्म देते हैं?

नासा के टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट मैनेजर ट्रुडी कोर्टेस (Trudy Kortes) का मानना है कि किसी एसेट पर $200 मिलियन खर्च करने के बजाय उसे ऑर्बिट में ही रखते हुए अलग तरीके से उपयोगी बनाना चाहिए।

लेकिन इससे पहले कि सैटेलाइट निर्माता अपने अंतरिक्ष यान में फ्यूल पोर्ट जैसी चीजों को स्थापित करना शुरू करें, उन्हें यह आश्वस्त करने की आवश्यकता है कि इसके ऊपर लगने वाला खर्च वैल्यू रखता है या नहीं।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , NASA
नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Infinix XPad GT टैबलेट 10000mAh बैटरी, 13MP कैमरा के साथ होगा पेश, स्पेसिफिकेशंस हुए लीक
  2. BGMI Pro Series 2025 का एलान, Rs 2 करोड़ जीतने का मौका; ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
  3. Vivo S30, S30 Pro Mini देंगे 16GB रैम के साथ दस्तक, डिजाइन और कलर्स आए सामने
  4. Xiaomi का नया माइक्रोवेव 700W हीटिंग पावर से मिनटों में पका सकता है खाना, इस कीमत में हुआ लॉन्च
  5. 6,800mAh बैटरी के साथ पेश होगा iQOO Neo 10 Pro+, करेगा 120W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट!
  6. 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung Galaxy M06 5G की गिरी कीमत, मात्र 7,999 रुपये में खरीदें
  7. Acer Iconia Tab V12, Iconia Tab V11 टैबलेट लॉन्च, 8000mAh बैटरी के साथ 8GB RAM से लैस
  8. Latest Smartphones Under Rs 15000: 15 हजार के अंदर खरीदें ये 10 लेटेस्ट स्मार्टफोन
  9. अंटार्कटिका में बर्फ के नीचे दबे हैं 50 करोड़ साल पुराने पर्वत!
  10. सबसे पतले iPhone 17 Air की बैटरी डिटेल लीक, Galaxy S25 Edge से भी होगी कम!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »