• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • मोबाइल टावरों के सिग्‍नलों के जरिए हम तक पहुंच सकते हैं एलियंस, स्‍टडी में चौंकाने वाला खुलासा!

मोबाइल टावरों के सिग्‍नलों के जरिए हम तक पहुंच सकते हैं एलियंस, स्‍टडी में चौंकाने वाला खुलासा!

Aliens : बीते एक दशक में पृथ्‍वी पर मोबाइल फोन नेटवर्क का जाल बिछाया गया है। हर देश ने अपने यहां लाखों की संख्‍या में रेडियो ट्रांसमिशन टावर इंस्‍टॉल किए हैं।

मोबाइल टावरों के सिग्‍नलों के जरिए हम तक पहुंच सकते हैं एलियंस, स्‍टडी में चौंकाने वाला खुलासा!

Aliens : क्‍योंकि हमारी पृथ्‍वी पर लाखों की संख्‍या में मोबाइल टावरों की मौजूदगी है, इसलिए इनसे निकलने वाले रेडियो सिग्‍नलों का कुछ हिस्‍सा अंतरिक्ष में भी चला जाता है।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला दावा
  • हाइटेक एलियंस हमें खोज सकते हैं
  • मोबाइल टावरों के सिग्‍नल हो सकते हैं मददगार
विज्ञापन
एलियंस (Aliens) का नाम सुनते ही जेहन में ऐसी आकृति उभरती है, जो इंसानों जैसी तो बिलकुल भी नहीं। इस विषय को हमेशा सनसनीखेज तरीके से पेश किया जाता है, जबकि हम यह नहीं जानते कि एलियंस कैसे दिखते हैं? हमारे प्रति उनका स्‍वभाव क‍िस तरह का हो सकता है। दुनियाभर के वैज्ञानिक वर्षों से इस खोज में जुटे हैं कि पृथ्‍वी के अलावा और कहां जीवन है? अगर एलियंस हैं तो वो कहां हैं? इस खोज में रडार और सैटेलाइट्स की मदद ली जा रही है। संभावित सिग्‍नलों को ट्रेस किया जा रहा है, जो एलियंस के हो सकते हैं। लेकिन एक स्‍टडी में कहा गया है कि कुछ इसी तरह से एलियंस हम तक पहुंच सकते हैं। 

रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस (Royal Astronomical Society) में पब्लिश स्‍टडी में बताया गया है कि मोबाइल टावर के सिग्‍नलों का इस्‍तेमाल करके एलियंस हमें ढूंढने में सक्षम हो सकते हैं। गौरतलब है कि बीते एक दशक में पृथ्‍वी पर मोबाइल फोन नेटवर्क का जाल बिछाया गया है। इसके लिए हर देश ने अपने यहां लाखों की संख्‍या में रेडियो ट्रांसमिशन टावर (radio transmission towers) इंस्‍टॉल किए हैं, जिन्‍हें आमतौर पर मोबाइल टावर भी कहा जाता है। 

क्‍योंकि हमारी पृथ्‍वी पर लाखों की संख्‍या में मोबाइल टावरों की मौजूदगी है, इसलिए इनसे निकलने वाले रेडियो सिग्‍नलों का कुछ हिस्‍सा अंतरिक्ष में भी चला जाता है। स्‍टडी कहती है कि अगर एलियंस के पास भी तकनीक मौजूद है और वो रेडियो एस्‍ट्रोनॉमी से जुड़ी क्षमताओं से लैस हैं, तो पृथ्‍वी से निकले सिग्‍नलों का पता एक दर्जन प्रकाश वर्ष या उससे भी कम वक्‍त में लगाया जा सकता है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, रेडियो सिग्‍नलों का सबसे ज्‍यादा लीकेज मिलिट्री रडार से होता है। उसके बाद आता है मोबाइल फोन टावरों का नंबर, क्‍योंकि इनकी तादात बढ़ती जा रही है। हालांकि एलियंस हम तक तभी पहुंच पाएंगे, जब वो तकनीकी रूप से साधन संपन्‍न हों। स्‍टडी में यह नहीं बताया गया है कि एलियंस के पास हाइटेक तकनीक होने की कितनी संभावना है। शोध कहता है कि पृथ्‍वी के नजदीकी स्टार सिस्टम में अगर एलियंस हैं, तो वो सेल फोन टावरों से रेडियो संकेतों का पता लगा सकते हैं।
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone 16 Pro की परफॉर्मेंस में नहीं है दम! Geekbench स्कोर में खुलासा
  2. Vivo T3 Ultra में होगा 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 12 सितंबर को लॉन्च
  3. क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड 45 प्रतिशत बढ़े, ट्रेडर्स को 47,000 करोड़ रुपये का नुकसान
  4. Sony ने भारत में लॉन्च किया SA-D40M2 होम थिएटर सिस्टम, जानें कीमत और फीचर्स
  5. Samsung की Galaxy S24 FE को जल्द लॉन्च करने की तैयारी, Galaxy S23 FE से हो सकता है महंगा
  6. HMD 105 4G, HMD 110 4G फीचर फोन लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  7. MG Motors ने लॉन्च की Windsor EV, 9.99 लाख रुपये का शुरुआती प्राइस
  8. Chandra Grahan : 18 सितंबर को लग रहा इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण, क्‍या भारत में दिखेगा?
  9. Sony PS5 Pro धांसू गेमिंग फीचर्स के साथ हुआ लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  10. NoiseFit Halo 2 स्मार्टवॉच 1.43 इंच AMOLED डिस्प्ले, ब्लूटूथ कॉलिंग सपोर्ट के साथ लॉन्च, जानें खासियतें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »