Aditya L1 Mission : आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से बीते शनिवार को उड़ान भरने वाला भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L1) अब सूर्य के रास्ते पर है। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करके करीब 120 दिनों बाद आदित्य स्पेसक्राफ्ट उस L1 पॉइंट पर पहुंचेगा, जिसे लैग्रेंज बिंदु कहते हैं। अपने 3 दिनों के पड़ाव में आदित्य ने अबतक जो दूरी तय की है, वो कुछ इस तरह से है- आदित्य की पृथ्वी से अभी न्यूनतम दूरी 282 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 40 हजार 225 किलोमीटर है। भारतीय स्पेस एजेंसी ‘इसरो' ने यह जानकारी शेयर की है।
स्पेस एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि ‘आदित्य एल1' की पृथ्वी के ऑर्बिट से संबंधित दूसरी प्रक्रिया मंगलवार तड़के सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई। इस प्रक्रिया को बंगलूरू स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) से अंजाम दिया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर एक पोस्ट में इसरो ने बताया कि उसके मॉरीशस, बंगलूरू और पोर्ट ब्लेयर के सेंटर्स ने आदित्य को मॉनिटर किया। अब स्पेसक्राफ्ट जिस ऑर्बिट में है, वहां से वह पृथ्वी के सबसे करीब 282 किलोमीटर की दूरी पर है और सबसे दूर 40 हजार 225 किलोमीटर पर है।
इसरो ने यह भी बताया कि ‘आदित्य एल1' की कक्षा में नया बदलाव 10 सितंबर 2023 को रात लगभग ढाई बजे किया जाएगा। ‘आदित्य एल1' देश की पहली स्पेस बेस्ड ऑब्जर्वेट्री है। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन पॉइंट (एल-1) में रहकर सूर्य के बाहरी वातावरण को स्टडी करेगी।
इसी महीने दो तारीख को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से ‘आदित्य एल1' का सफल लॉन्च किया गया था। सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहला बदलाव 3 सितंबर को किया गया था। अभी इसे कई प्रक्रियाओं से गुजरना है। मिशन के लिए बड़ा टर्निंग पॉइंट इसे सूर्य के नजदीक पहुंचाना होगा। हालांकि जिस एल1 पॉइंट पर ये जाएगा, वह सूर्य और पृथ्वी की कुल दूरी का सिर्फ 1 फीसदी है।