• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 30 हजार साल पुराने, गिद्ध के पंख ज्वालामुखी की राख में मिले! वैज्ञानिकों के लिए बने रहस्य

30 हजार साल पुराने, गिद्ध के पंख ज्वालामुखी की राख में मिले! वैज्ञानिकों के लिए बने रहस्य

ज्वालामुखीय क्षेत्र के अंदर 30 हजार साल पुराने गिद्ध के पंखों के अवशेष पाए गए हैं।

30 हजार साल पुराने, गिद्ध के पंख ज्वालामुखी की राख में मिले! वैज्ञानिकों के लिए बने रहस्य

Photo Credit: Unsplash/Anton

ज्वालामुखीय राख में 30 हजार साल पुराने गिद्ध के पंखों के अवशेष पाए गए

ख़ास बातें
  • इन अवशेषों में पक्षी के पंखों और पलकों के अंश शामिल हैं।
  • इन्हें पहली बार 1889 में खोजा गया था।
  • ये अवशेष एक ग्रिफॉन गिद्ध के हैं।
विज्ञापन
वैज्ञानिकों को इतिहास से एक बेहद हैरान करने वाली खोज हाथ लगी है। इटली के रोम के पास कोली अल्बानी ज्वालामुखीय क्षेत्र के अंदर 30 हजार साल पुराने गिद्ध के पंखों के अवशेष पाए गए हैं। ये अवशेष खास तरीके से संरक्षित मिले हैं और इनके साथ कुछ ऐसे रिकॉर्ड मिले हैं जो इतिहास में इससे पहले कभी भी दर्ज नहीं किए गए हैं। इन अवशेषों में पक्षी के पंखों और पलकों के अंश शामिल हैं, जिन्हें पहली बार 1889 में खोजा गया था। ये अवशेष एक ग्रिफॉन गिद्ध के हैं। 

इटली में पाए गए गिद्ध के इन अवशेषों की खास बात है कि इनको संरक्षित रखने की प्रक्रिया। इस बारे में वैज्ञानिकों को अभी तक कोई भी सुराग नहीं लगा है कि आखिर इन्हें किस तरीके से संरक्षित किया गया होगा। नए शोध से पता चलता है कि पंख ज्वालामुखीय राख में ढके हुए थे, जो बाद में सिलिकॉन युक्त जिओलाइट क्रिस्टल में बदल गए, जिससे गिद्ध के नाजुक ऊतकों की संरचना बरकरार रही। यह ज्वालामुखीय पदार्थों में इस तरह के संरक्षण का पहला उदाहरण है। यानी इससे पहले संरक्षण में ज्वालामुखीय राख के इस्तेमाल का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। 

स्टडी को Geology में प्रकाशित किया गया है। इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप और रासायनिक परीक्षण का उपयोग करके किए गए विश्लेषण से पता चला कि पंख त्रि-आयामी (three-dimensional) रूप में जीवाश्मिकृत थे। यह सामान्य जीवाश्मीकरण प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है, जहां पंख दो-आयामी कार्बन छाप छोड़ते हैं। इससे पहले त्रि-आयामी पंख जीवाश्मों की पहचान केवल एम्बर (amber) में ही की गई थी।

आयरलैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क की जीवाश्म विज्ञानी वैलेंटिना रॉसी के नेतृत्व में इस स्टडी को किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिओलाइट खनिजों ने पंखों के सूक्ष्म विवरण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रॉसी ने इस खोज को अद्भुत बताया है और इस बात पर रोशनी डाली कि ज्वालामुखीय राख में संरक्षित पंखों का पहले कभी डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया। यह जीवाश्म सबसे पहले माउंट टस्कोलो की तलहटी में एक भूमि मालिक द्वारा खोजा गया था। तब इसे ज्वालामुखीय चट्टान में असामान्य रूप से संरक्षित होने के कारण जाना जाता था।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 1 अप्रैल से इन नंबर पर नहीं मिलेगी UPI सर्विस, नहीं कर पाएंगे Google Pay, Paytm, PhonePe का उपयोग
  2. ChatGPT Ghibli फीचर ने मचाई धूम, महज 1 घंटे में जुड़े 1 करोड़ नए यूजर्स!
  3. Vivo Pad 5 Pro, Vivo Pad SE, Watch 5 के स्पेसिफिकेशंस, डिजाइन, कलर्स का खुलासा, जानें सबकुछ
  4. OnePlus 13T अप्रैल में होगा 6200mAh बैटरी, Snapdragon 8 Elite के साथ लॉन्च, हुआ कंफर्म
  5. Jio 5G अब 26GHz बैंड में हुआ पेश, सबसे पहले इन 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा उपलब्ध
  6. Vivo Y300t हुआ 6500mAh बैटरी, 120Hz डिस्प्ले, Dimensity 7300 के साथ लॉन्च, जानें फीचर्स
  7. BSNL की सर्विस में सुधार की तैयारी, अप्रैल में लिया जाएगा कस्टमर्स से फीडबैक
  8. iPhone 16e vs iPhone 14: खरीदने से पहले देखें कौन सा रहेगा ज्यादा बेहतर
  9. Tata Curvv EV vs Mahindra BE 6: जानें 20 लाख रुपये में कौन सी ईवी है बेस्ट
  10. iPhone न खरीदें ऐसे यूजर्स! ये रहे 3 बड़े कारण
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »