इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 195 दिन यानी करीब साढ़े छह महीने बिताने के बाद 3 रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने गुरुवार को पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग की। ओलेग आर्टेमयेव, डेनिस मतवेव और सर्गेई कोर्साकोव ने सोयुज एमएस -21 स्पेसक्राफ्ट की मदद से कजाकिस्तान में धरती पर कदम रखा। इस दौरान साइट पर रूस की रिकवरी टीम मौजूद रही। लैंडिंग के बाद तीनों अंतरिक्ष यात्री बेहतर महसूस कर रहे थे और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। ओलेग आर्टेमयेव ने अपने और साथियों के बारे में बोलते हुए कहा कि हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के
अनुसार, तीनों यात्रियों ने इस साल 18 मार्च को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी, जहां वो एक्सपेडिशन 66 (Expedition 66) क्रू का हिस्सा बने। इस दौरान आर्टेमयेव ने एक्सपेडिशन 67 को लीड किया और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को छोड़ने से पहले अपनी जिम्मेदारियों को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की अंतरिक्ष यात्री सामंथा क्रिस्टोफोरेटी को सौंप दिया।
जिम्मेदारियां लेने के दौरान सामंथा क्रिस्टोफोरेटी ने आर्टेमयेव के लिए कहा था कि आपने एक अंतरिक्ष परिवार के रूप में हमें एक साथ बढ़ने में मदद की है। ओलेग आर्टेमयेव के धरती पर लौटने के बाद क्रिस्टोफोरेटी अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमान संभालने वालीं पहली यूरोपीय महिला और पहली इटैलियन नागरिक हैं।
सामंथा क्रिस्टोफोरेटी ने कहा है कि अंतरिक्ष स्टेशन पर यूरोप का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। एक इटैलियन अंतरिक्ष यात्री के रूप में भी इटली का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। क्रिस्टोफोरेटी इस साल अप्रैल से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री केजेल लिंडग्रेन, बॉब हाइन्स और जेसिका वाटकिंस भी वहां पहुंचे थे। ये सभी एलन मस्क के स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए स्पेस में पहुंचे थे। जब तक अगली टीम स्पेस स्टेशन में नहीं पहुंच जाती, तब तक क्रिस्टोफोरेटी और बाकी यात्रियों को ही कमान संभालनी होगी।
बहरहाल, ओलेग आर्टेमयेव, डेनिस मतवेव और सर्गेई कोर्साकोव ने स्पेस में रहने के दौरान कई जिम्मेदारियां पूरी कीं। आर्टेमयेव, डेनिस मतवेव ने 26 घंटे 7 मिनट की 4 स्पेसवॉक कीं, जबकि पांचवीं स्पेसवॉक को पूरा करने में आर्टेमयेव और क्रिस्टोफोरेटी को 7 घंटे 5 मिनट लगे थे। स्पेसवॉक के दौरान ओलेग आर्टेमयेव को एक हादसे का भी सामना करना पड़ा था। उनके स्पेससूट के साथ कुछ इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम सामने आ गई थी। उन्होंने मॉस्को मिशन कंट्रोल को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उन्हें फौरन एयरलॉक में जाने का आदेश दिया गया। अगर थोड़ी भी देर होती, तो हालात बिगड़ सकते थे।