गुजरे जमाने में लोग किस कदर सोना पहना करते थे, इसका अजब उदाहरण देखने को मिला है मिस्र (Egypt) में। मिस्र में पुरातत्वविदों (Archaeologist) ने काहिरा के उत्तर में लगभग 56 किलोमीटर दूर बसे शहर क्यूसना (Quesna) के पास एक प्राचीन कब्रिस्तान में सोने से बनी जीभों वाली कई ममियों (mummy) के अवशेष खोजे हैं। करीब 2 हजार साल पुरानी कुछ ममी को लकड़ी के ताबूतों में दफनाया गया था। उनके गले के हार, सोने की कलाकृतियां और साथ में मिट्टी के बर्तन भी थे।
मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने
फेसबुक पोस्ट में बताया है कि ग्रीको-रोमन पीरियड में सोने की जीभ वाली ममी लोकप्रिय थीं। काहिरा में द अमेरिकन यूनिवर्सिटी में इजिप्टोलॉजी की जानी-मानी प्रोफेसर सलीमा इकराम ने लाइव साइंस से बातचीत में कहा कि ग्रीको-रोमन पीरियड 332 ईसा पूर्व तक चलता आया। जो ममी खोजी गईं हैं, वह इसी काल की होने की संभावना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की जीभें ग्रीको-रोमन पीरियड में अंत्येष्टि से जुड़ी तैयारियों की पहचान हैं। इनके अलावा सोने की आंखों को भी मृतक के साथ दफनाया जाता था। तब मिस्र में माना जाता था कि इस तरह से दफनाने पर मृतक, दिव्य प्राणियों में बदल जाते हैं।
ग्रीको-रोमन काल के दौरान प्राचीन मिस्रवासियों का यह भी मानना था कि सोने की जीभ और सोने की आंखें ‘मृतक व्यक्ति को बाद के जीवन में बोलने, देखने और स्वाद लेने की अनुमति देंगी।' इस तरह की ममी मिस्र में दो और जगहों पर भी पाई गई हैं। इनमें ऑक्सीरहिन्चस और तापोसिरिस मैग्ना शामिल हैं। क्यूसना में मिले अवशेषों की खुदाई और विश्लेषण का काम अभी चल रहा है। यह पता नहीं है कि सोने की जीभ वाली कितनी ममी मिली हैं। मृतकों की पहचान के बारे में भी जानकारी मिलना अभी बाकी है।
हाल ही में फॉरेंसिक साइंटिस्टों ने दुनिया की पहली प्रेग्नेंट ममी के चेहरे को फिर से तैयार किया था। 'द मिस्टीरियस लेडी' (The Mysterious Lady) के नाम से मशहूर इस महिला का पिछले साल पोलिश रिसर्चर्स की एक टीम ने विश्लेषण किया था। उसके पेट के अंदर एक भ्रूण संरक्षित होने के सबूत खोजे गए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2000 साल पहले इस महिला की मौत हो गई थी और तब वह 28 महीने की गर्भवती थी। मौत के वक्त महिला की उम्र 20 से 30 साल के बीच होने का अनुमान लगाया जाता है।