अंतरिक्ष में खोज करने वाले वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत घटना को कैमरे में कैद किया है। खगोल वैज्ञानिकों ने दो नए जन्म ले रहे ग्रहों को देखा है। ये धरती से 200 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित हैं। अभी ये सिर्फ एक छाया के रूप में देखे गए हैं जो गैसीय वातावरण में मौजूद हैं। यह गैस एक डिस्क के आकार में फैली हुई है जिसमें बहुत सारी धूल भी होने का अनुमान है। इन सब परिस्थितियों के अंदाजन वैज्ञानिकों ने इसे नए ग्रह बनने की प्रक्रिया का ही हिस्सा बताया है।
NASA ने
हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) की मदद से 200 प्रकाशवर्ष दूर हो रही एक अद्भुत घटना को रिकॉर्ड किया है। स्पेस एजेंसी का कहना है कि उसने TW हाइड्रा को गैस के वातावरण में स्थित देखा है। यह एक छोटा तारा है जिसे रेड ड्वार्फ स्टार कहा है। यह तारा 1 करोड़ साल पुराना है जिसका घनत्व सूर्य का आधा बताया गया है। यहीं पर नए ग्रह जन्म रहे हैं। मिल्की वे आकाशगंगा में इस तरह के बहुत से तारे सामान्य रूप से मौजूद हैं।
नासा के अनुसार ये जो दो परछाई देखी गई हैं, इनमें से एक को 2017 में देखा गया था। जबकि दूसरी 4 साल के बाद दिखाई दी।
The Astrophysical Journal में इस खोज को
प्रकाशित किया गया है। इस खोज से ये भी पता लगता है कि 4.6 अरब साल पहले जब पृथ्वी और सौर मंडल के अन्य ग्रह बन रहे होंगे, तो वे भी कुछ ऐसे ही दिखते रहे होंगे। शोधकर्ताओं ने कहा है कि शुरुआत में उन्हें लगा कि ये परछाई गलत स्थिति में आ गईं दो डिस्क के कारण आ रही है। ये दोनों ही शुरू में इतने पास थीं कि इन पर ध्यान जा पाना बहुत मुश्किल था।
बाद में शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ये जो दो डिस्क बनती दिखाई दे रही हैं, यह दोनों नए जन्म रहे ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के कारण हैं जिनका ऑर्बिट हल्का सा एक दूसरे से अलग चल रहा है। स्टडी से जुड़े वैज्ञानिक मिस्टर डेबेस के अनुसार, इससे पता चलता है कि दोनों ही ग्रह एक दूसरे के बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये एक दूसरे से बहुत तेज गति के अंतर से घूम रहे होते तो इनके बारे में बहुत पहले ही पता लग जाता। लेकिन इनके घूमने की गति में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, और ये धीर से एक दूसरे से आगे निकलते हैं।
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