अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने सोमवार की रात इतिहास रच दिया। पहली बार एक स्पेसक्राफ्ट की टक्कर एक एस्टरॉयड से कराई गई। ऐसा करके नासा ने भविष्य में पृथ्वी को एस्टरॉयड्स के खतरों से बचाने की तकनीक का परीक्षण किया। यह टेस्ट सफल रहा है। नासा का डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) स्पेसक्राफ्ट, पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर डिमोर्फोस नाम के एक एस्टरॉयड उपग्रह से टकराया। यह टक्कर कितनी प्रभावी रही, इसकी तस्वीर भी सामने आई है।
इटैलियन स्पेस एजेंसी के एक सैटेलाइट की मदद से इस
टक्कर को तस्वीरों में कैद किया गया। सैटेलाइट का नाम ‘LICIACube' है। दरअसल, इस टक्कर के असर को देखने की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। LICIACube सैटेलाइट, घटना वाली जगह से सुरक्षित दूरी पर मौजूद था। वह DART स्पेसक्राफ्ट के टकराने का इंतजार कर रहा था। घटना की तस्वीरों में कैद करने के लिए LICIACube ने अपने डुअल कैमरा सिस्टम का इस्तेमाल किया।
तस्वीरों में सबसे आगे डिडिमॉस एस्टरॉयड नजर आता है, उसके ठीक पीछे डिमोर्फोस है, जिससे DART स्पेसक्राफ्ट टकराया था। फोटोज में डिमोर्फोस के आसपास बिखरे मलबे की धाराएं देखी जा सकती हैं। अपनी छोटी से यात्रा के दौरान LICIACube सैटेलाइट ने कुछ और तस्वीरें भी खींची, जिनके पृथ्वी पर पहुंचते ही वैज्ञानिकों की टीम उत्साह से भर गई और उनका कमरा तालियों से गूंज उठा।
डिमोर्फोस एस्टरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं था, लेकिन इस पर गतिज प्रभाव तकनीक (kinetic impact technique) का परीक्षण दुनिया में पहली बार किया गया। इसके तहत स्पेसक्राफ्ट को एस्टरॉयड से टकराकर एस्टरॉयड को विक्षेपित किया गया यानी उसकी दिशा बदलने की कोशिश की गई। यह टेस्ट सफल रहा, जिसका मतलब है कि भविष्य में अगर कोई एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरा बनता है, तो उसे इसी तरह लक्ष्य से भटकाया जा सकता है।
हालांकि DART स्पेसक्राफ्ट की टक्कर कितनी प्रभावशाली रही, इस सवाल का जवाब अगले कुछ महीनों में मिल पाएगा। क्या इस टक्कर ने डिमोर्फोस के प्रक्षेपवक्र (trajectory) को बदला? इस सवाल का जवाब आने में भी अभी वक्त लगेगा। फिलहाल बड़ी कामयाबी यही है कि नासा अपने स्पेसक्राफ्ट को एस्टरॉयड से टकराने में सफल रही है। जो तस्वीरें सामने आई हैं वह आगे भी शानदार परिणाम मिलने की उम्मीद जताती हैं।