हिमालय की बर्फ में मिले 1700 प्रकार के वायरस, एक तो 11 हजार साल पुराना

New Study : जो वायरस मिले हैं, उनमें से लगभग तीन-चौथाई वायरस के बारे में साइंटिस्‍ट नहीं जानते थे।

हिमालय की बर्फ में मिले 1700 प्रकार के वायरस, एक तो 11 हजार साल पुराना

खोजे गए वायरसों ने पिछले 41 हजार साल में तीन ठंडे-गर्म मौसम चक्रों को देखा है।

ख़ास बातें
  • हिमायल की बर्फ में मिली नई वायरस प्रजातियां
  • तिब्‍बत स्थित ग्‍लेशियर से लिए गए थे सैंपल
  • हजारों वर्ष पुराने वायरसों की हुई खोज
विज्ञापन
रिसर्चर्स ने हिमालय की बर्फ में छुपी लगभग 1700 प्राचीन वायरस प्रजातियों (virus species) का पता लगाया है। यह स्‍डटी नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश हुई है। इसमें कहा गया है कि जो वायरस मिले हैं, उनमें से लगभग तीन-चौथाई वायरस के बारे में साइंटिस्‍ट नहीं जानते थे। वैज्ञानिकों ने तिब्बत के पठार पर स्थित गुलिया ग्लेशियर (Guliya Glacier) से बर्फ की परतों के सैंपल लिए थे। उनमें वायरस प्रजातियां मिलीं। गुलिया ग्‍लेशियर समुद्र तल से लगभग 6400 मीटर ऊपर है। रिसर्चर्स यह समझना चाहते हैं कि वायरस, मौमस में होने वाले बदलावों के साथ तालमेल कैसे बैठाते हैं। 

न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, स्‍टडी के को-ऑथर और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी से जुड़े साइंटिस्‍ट झिपिंग झोंग ने कहा है कि वायरस क‍िस तरह क्‍लाइमेट चेंज से जुड़े हैं, इसकी जांच पहले कभी नहीं की गई। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास वायरल और माइक्रोब्‍स पर रिसर्च के लिए ऐसा मटीरियल नहीं होता है, इस मामले में ग्‍लेश‍ियर बर्फ बहुत कीमती है। 

स्‍टडी के अनुसार, 2015 में वायरसों को खोजा गया। इन्‍होंने पिछले 41 हजार साल में तीन ठंडे-गर्म मौसम चक्रों को देखा। वैज्ञा‍निकों ने सैंपलों से एक ऐसा वायरस भी खोजा, जो लगभग 11 हजार 500 साल पहले का है। उस वक्‍त पृथ्‍वी की जलवायु ठंड से गर्म में बदल रही थी। वर्तमान में हम इसी मौमस में रहते हैं।  

कई और जानकारियां वैज्ञानिकों को मिली हैं जैसे- लगभग एक चौथाई वायरस दूसरी जगहों पर पाई जाने वाली प्रजातियों से ओवरलैप हुए हैं। यानी कुछ वायरस मध्‍य पूर्व या आर्कटिक के इलाकों से आए। 

इस खोज के बाद रिसर्चर्स को लगता है कि वो यह भविष्‍यवाणी बेहतर तरीके से कर पाएंगे कि फ्यूचर में वायरस क्‍लाइमेट चेंज पर कैसे रिएक्‍ट करेंगे। एक अन्‍य रिपोर्ट के अनुसार, साइबेरिया समेत दुनियाभर में ऐसे वायरस का पता चला है, जो जमे हुए हैं लेकिन इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता उनमें है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ursid Meteor Shower 2024: दिसंबर में इस दिन होगी उल्काओं की बारिश! ऐसे देखें अद्भुत नजारा
  2. JioTag Go vs JioTag Air: Rs 1,499 में कौन सा डिवाइस ट्रैकर है बेस्ट?
  3. मारूति सुजुकी जनवरी में पेश करेगी अपना पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल eVitara
  4. Lava Blaze Duo 5G फोन Rs 2 हजार सस्ते में खरीदने का मौका, 64MP कैमरा, 8GB रैम जैसे हैं फीचर्स
  5. OnePlus Watch 3 के लॉन्च से पहले रेंडर्स लीक, डिजाइन, बैटरी समेत कई फीचर्स का खुलासा
  6. सिंगल चार्ज में 11 घंटे चलने वाला Xiaomi Burgundy Red Mini ब्लूटूथ स्पीकर लॉन्च, जानें कीमत
  7. देश की EV इंडस्ट्री 2030 तक बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये की होगीः गडकरी 
  8. Pushpa 2 Collection Day 16: अल्लू अर्जुन की Pushpa-2 भारत में Rs 1000 करोड़ के पार!
  9. मिस्र के प्राचीन मकबरे में मिलीं 'सोने की जीभ' के साथ 13 ममी!
  10. बार-बार भूलते हैं चीजें? JioTag Go ढूंढकर देगा, जानें कीमत, और कैसे करता है काम
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »