हमारी पृथ्वी पर जमे हुए पानी का सबसे बड़ा जलाशय है अंटार्कटिका (Antarctica)। क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या ने अंटार्कटिका को काफी प्रभावित किया है। तमाम रिसर्च में यह सामने आया है कि अंटार्कटिका की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे दुनियाभर में समुद्र का स्तर बढ़ सकता है। रिसर्च यह भी कहती हैं कि समुद्र के स्तर में बढ़ाेतरी होने से उन शहरों को खतरा होगा, जो तटों के पास बसे हुए हैं। अब अंटार्कटिका को लेकर एक और जानकारी सामने आई है। पता चला है कि अंटार्कटिका में एक जगह से दूसरे जगह बहने वाले बर्फ के विशायलकाय ब्लॉक्स (ग्लेशियर) गर्मियों में तेजी से मूव कर रहे हैं।
लीड्स यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह स्टडी की है। टीम ने साल 2014 से 2021 के बीच अंटार्कटिक प्रायद्वीप (peninsula) के ऊपर से ली गईं 10 हजार से ज्यादा सैटेलाइट इमेजेस को परखने के बाद यह निष्कर्ष निकाला। स्टडी नेचर जियोसाइंसेस जर्नल में
पब्लिश हुई है और भविष्य में अंटार्कटिका की वजह से आने वाली चुनौतियों के प्रति आगाह करती है।
जिस क्षेत्र को लेकर यह स्टडी की गई, उसे
अंटार्कटिक प्रायद्वीप (peninsula) कहा जाता है। यह अंटार्कटिका का सबसे उत्तरी और सबसे गर्म क्षेत्र है। यहां सील, पेंगुइन और व्हेल की मौजूदगी है। क्षेत्र को समझने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने अंतरिक्ष से ली गईं तस्वीरों को ऑब्जर्व किया। पता चला कि अंटार्कटिका के ग्लेशियर अपने आसपास के महासागरों में तेजी से बह रहे हैं और पानी रिलीज कर रहे हैं।
स्टडी में कहा गया है कि यहां मौजूद ग्लेशियर हर साल औसतन लगभग एक किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इन ग्लेशियरों की यात्रा पर मौसम का असर पड़ता है। मसलन- तापमान के गर्म होने पर ग्लेशियरों का बहना 22% तक तेज हो गया। यह ग्लेशियरों के बिहेवियर को प्रभावित कर सकता है और वो समुद्र के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इससे भविष्य में कई तरह की चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि 1992 से साल 2017 के बीच ग्लेशियरों से पिघले पानी की वजह से समुद्र के जलस्तर में लगभग 7.6mm की बढ़ोतरी हुई है। स्टडी के प्रथम लेखक बेन वालिस ने कहा कि यह स्टडी बताती है कि अंटार्कटिका में मौजूद ग्लेशियर पर्यावरण के प्रति कितने संवेदनशील हैं। इन ग्लेशियरों के मौसमी बिहेवियर के बारे में अंदाजा पहले से था, जो सैटेलाइट तस्वीरों से पुख्ता हो गया है।