Xiaomi के वाइस प्रेसिडेंट Manu Jain का 9 वर्ष के कार्यकाल के बाद इस्तीफा

कंपनी का भारत में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के कथित उल्लंघन को लेकर एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के साथ कानूनी विवाद चल रहा है

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 31 जनवरी 2023 18:07 IST
ख़ास बातें
  • Xiaomi ने पिछले महीने कई यूनिट्स से वर्कर्स की छंटनी शुरू की थी
  • कंपनी के स्टाफ की संख्या सितंबर के अंत में 35,314 की थी
  • शाओमी ने यूरोप में मार्केट शेयर बढ़ाने में सफलता पाई है

भारत में कंपनी की यूनिट पर अपने बैंकर को वर्षों तक गलत जानकारी देने का आरोप लगा है

चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट और कंपनी की भारतीय यूनिट के पूर्व हेड, Manu Kumar Jain ने इस्तीफा दे दिया है। वह शाओमी के साथ नौ वर्ष से जुड़े थे। इस कंपनी का भारत में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के कथित उल्लंघन को लेकर एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के साथ कानूनी विवाद चल रहा है। 

Jain ने एक ट्वीट में कहा, "पिछले नौ वर्षों में मुझे बहुत सहयोग मिला है और गुडबाय कहना बहुत मुश्किल है। आप सभी का धन्यवाद। यात्रा की समाप्ति एक नई यात्रा की शुरुआत भी होती है।" भारत में कंपनी के बिजनेस को मजबूत बनाने में जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें लगभग पांच वर्ष पहले शाओमी का ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया था। वह भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में शाओमी के बिजनेस की कमान संभाल रहे थे। जैन ने कहा, "हमारा बिजनेस बढ़ने के साथ भारत में 50,000 से अधिक जॉब्स जेनरेट करने में मदद मिली है।" 

Xiaomi ने पिछले महीने अपनी कई यूनिट्स से वर्कर्स की छंटनी शुरू की थी। कंपनी ने अपनी वर्कफोर्स को लगभग 15 प्रतिशत घटाने की योजना बनाई है। Xiaomi के स्टाफ की संख्या सितंबर के अंत में 35,314 की थी। इनमें से 32,000 से अधिक चीन में हैं।  कंपनी के इस फैसले से हजारों वर्कर्स पर असर पड़ सकता है। चीन में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया था। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स की डिमांड घट गई थी। हालांकि, शाओमी ने यूरोप में मार्केट शेयर बढ़ाने में सफलता पाई है। 

भारत में कंपनी की यूनिट पर अपने बैंकर Deutsche Bank को वर्षों तक गलत जानकारी देने का आरोप लगा है। कंपनी ने दावा किया था कि उसका रॉयल्टी की पेमेंट के लिए एग्रीमेंट है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। कंपनी के खिलाफ जांच में पाया गया है कि उसने रॉयल्टी की 'मद' में अमेरिकी चिप कंपनी Qualcomm और अन्यों को 'गैर कानूनी' तरीके से रकम भेजी थी। Deutsche Bank के एक एग्जिक्यूटिव ने जांच अधिकारियों को बताया था कि भारतीय कानून के तहत रॉयल्टी की पेमेंट्स के लिए Xiaomi की भारत में यूनिट और क्वालकॉम के बीच एक कानूनी एग्रीमेंट होना जरूरी था। कंपनी ने Deutsche Bank को बताया था कि उसके पास ऐसा एग्रीमेंट मौजूद है, जबकि ऐसा नहीं था। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Smartphone, Xiaomi, devices, China, Market, Bhutan, Workers, Demand, Nepal, Business

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 50MP कैमरा, 4700mAh बैटरी वाले इस Samsung फोन को मात्र 34 हजार में खरीदें
#ताज़ा ख़बरें
  1. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  2. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  3. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  4. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  5. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  6. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  7. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
  8. बिलिनेयर Elon Musk को भारी पड़ी ट्रंप की नाराजगी, Tesla की वैल्यू में भारी गिरावट
  9. इन फोन में नहीं चलेगा Youtube App, आपका फोन भी तो नहीं है लिस्ट में
  10. ट्रंप और मस्क के विवाद का क्रिप्टो मार्केट पर बड़ा असर, Bitcoin 1,04,000 डॉलर से नीचे
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.