अमेरिकी स्मार्टफोन और टेक कंपनी Apple की वैल्यू में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को चलाने वाली Alphabet, ई-कॉमर्स कंपनी Amazon और सोशल मीडिया साइट फेसबुक का मालिकाना हक रखने वाली Meta की संयुक्त वैल्यू भी Apple से कम है।
पिछले कुछ महीनों में अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों के तिमाही परिणाम कमजोर रहे हैं। इनमें से अधिकतर की ग्रोथ में कमी हुई है। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की मालिक मेटा शामिल है। मेटा के मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगभग 20 प्रतिशत या लगभग 90 अरब डॉलर की कमी हुई है। हालांकि, इस ग्रोथ में कमी के ट्रेंड को Apple ने तोड़ा है। कंपनी ने पिछले सप्ताह अपना तिमाही परिणाम जारी किया था। इससे पता चलता है कि Apple का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.30 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। यह Alphabet, Meta और Amazon की कुल
वैल्यू से भी ज्यादा है।
गूगल को चलाने वाली कंपनी Alphabet की वैल्यू 1.12 लाख करोड़ डॉलर, Meta की 240 अरब डॉलर और Amazon की वैल्यू लगभग 940 अरब डॉलर है। Apple ने स्लोडाउन में भी ग्रोथ की है और इसका बड़ा कारण कंपनी की नई iPhone सीरीज है। कंपनी का सर्विसेज से भी रेवेन्यू बढ़ा है। इसके Mac लैपटॉप और डेस्कटॉप की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है।
Apple ने अपनी iPhone 14 सीरीज के कुछ मॉडल्स की भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की घोषणा की थी। इसे चीन में मैन्युफैक्चरिंग को कम करने की कंपनी की योजना के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण बहुत सी अमेरिकी कंपनियां चीन में बिजनेस को लेकर अपनी स्ट्रैटेजी बदल रही हैं। Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करने वाली Foxconn के चेन्नई के निकट प्लांट में भारतीय मार्केट के लिए iPhone 14 सीरीज के स्मार्टफोन्स की असेंबलिंग शुरू हो गई है। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनने का संकेत मिल रहा है। भारत में बने iPhone का Apple मुख्यतौर पर यूरोप और मिडल ईस्ट को एक्सपोर्ट करती है। इस वर्ष की तीसरी तिमाही में
स्मार्टफोन की ग्लोबल शिपमेंट्स में 9 प्रतिशत की गिरावट हुई है। ग्लोबल शिपमेंट्स में Samsung पहले और Apple दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद चीन की Xiaomi और Oppo हैं। हालांकि, शिपमेंट्स में Apple ग्रोथ दर्ज करने वाली एकमात्र कंपनी रही।