3 घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल बन सकता है कमर दर्द का बड़ा कारण!

स्टडी में खास फोकस थॉरासिक स्पाइन पेन (TSP) पर किया गया है।

विज्ञापन
Written by गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 8 अप्रैल 2023 11:30 IST
ख़ास बातें
  • स्मार्टफोन बच्चों और युवाओं के लिए कमर दर्द का बड़ा कारण बन सकता है।
  • यह इंसान के मनोवैज्ञानिक बर्ताव पर भी असर डालता है।
  • कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा

कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा जिसने इसमें और ज्यादा वृद्धि की है।

स्मार्टफोन वर्तमान में मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। कुछ घंटे व्यक्ति स्मार्टफोन के बिना नहीं बिता पाता है। इसके अलावा डिजिटल क्रांति के चलते स्कूल, कॉलेजों आदि के स्टूडेंट्स भी लैपटॉप, टैबलेट आदि पर घंटों समय बिताते हैं। वहीं, गेमिंग के शौकीन बच्चे और युवा भी इन गैजेट्स से लम्बे समय तक चिपके रहते हैं। ऐसे में एक नई रिसर्च कहती है कि इतने लम्बे समय तक गलत शारीरिक स्थिति में बैठना बच्चों और युवाओं के लिए कमर दर्द का बड़ा कारण बन सकता है।

ब्राजील में शोधकर्ताओं की एक स्टडी Healthcare नामक साइंस जर्नल में प्रकाशित की गई है। इसमें बताया गया है कि दिन में 3 घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन की ओर देखते रहना रीढ हड्डी को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। शारीरिक स्थिति के बारे में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में बैठना खतरनाक हो सकता है जब स्क्रीन आंखों के बहुत नजदीक हो और व्यक्ति रीढ के सहारे गलत स्थिति में बैठा हो, या फिर पेट के बल लेटकर स्क्रीन को देख रहा हो। 

स्टडी में खास फोकस थॉरासिक स्पाइन पेन (TSP) पर किया गया है। थॉरासिक स्पाइन छाती के ठीक पीछे वाले पीठ के हिस्से को कहा जाता है, यह कंधों के नीचे, गर्दन के निचले भाग से शुरू होती है। रिसर्च में साओ पोलो राज्य के एक मीडियम साइज शहर के 14 से 18 साल के उन युवक-युवतियों को शामिल किया गया है जो हाई स्कूल के पहले या दूसरे साल में पढ़ाई में कर रहे हैं। 

सबसे पहले एक बेसलाइन क्वॉस्चनेअऱ मार्च-जून 2017 में पूरा किया गया था जिसमें 1628 युवक-युवतियों ने भाग लिया था। उसके बाद 2018 में इनमें से 1393 ने फॉलोअप दिया। 38.4% में TSP के लक्षण पाए गए। यहां लड़कों से ज्यादा लड़कियों में TSP की शिकायत पाई गई। रिपोर्ट कहती है कि आजकल TSP वयस्कों के साथ ही बच्चों और किशोरों में काफी देखा जाने लगा है। वयस्कों में यह 15-35% पाया जाता है जबकि बच्चों और किशोरों में यह 13-35% पाया जाता है। 
कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा जिसने इसमें और ज्यादा वृद्धि की है। फिजिकल के साथ साथ यह इंसान के मनोवैज्ञानिक बर्ताव पर भी असर डालता है। रिसर्च कहती है कि बच्चों और युवाओं को स्कूलों और संस्थानों के अलावा घर में भी शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव रहने की सलाह दी जानी चाहिए। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. ये हैं टॉप 50 इंच स्मार्ट टीवी, LG से लेकर Acer और Xiaomi टीवी पर डिस्काउंट
  2. Google Pay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 1 अक्टूबर से नहीं काम करेगा UPI का ये फीचर
  3. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Pay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 1 अक्टूबर से नहीं काम करेगा UPI का ये फीचर
  2. ये हैं टॉप 50 इंच स्मार्ट टीवी, LG से लेकर Acer और Xiaomi टीवी पर डिस्काउंट
  3. अब 15 मिनट पहले भी मिल जाएगी Vande Bharat की टिकट! जानें बुकिंग करने का पूरा प्रोसेस
  4. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  5. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  6. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  7. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  8. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  9. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  10. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.