• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • 3 घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल बन सकता है कमर दर्द का बड़ा कारण!

3 घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल बन सकता है कमर दर्द का बड़ा कारण!

स्टडी में खास फोकस थॉरासिक स्पाइन पेन (TSP) पर किया गया है।

3 घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल बन सकता है कमर दर्द का बड़ा कारण!

कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा जिसने इसमें और ज्यादा वृद्धि की है।

ख़ास बातें
  • स्मार्टफोन बच्चों और युवाओं के लिए कमर दर्द का बड़ा कारण बन सकता है।
  • यह इंसान के मनोवैज्ञानिक बर्ताव पर भी असर डालता है।
  • कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा
विज्ञापन
स्मार्टफोन वर्तमान में मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। कुछ घंटे व्यक्ति स्मार्टफोन के बिना नहीं बिता पाता है। इसके अलावा डिजिटल क्रांति के चलते स्कूल, कॉलेजों आदि के स्टूडेंट्स भी लैपटॉप, टैबलेट आदि पर घंटों समय बिताते हैं। वहीं, गेमिंग के शौकीन बच्चे और युवा भी इन गैजेट्स से लम्बे समय तक चिपके रहते हैं। ऐसे में एक नई रिसर्च कहती है कि इतने लम्बे समय तक गलत शारीरिक स्थिति में बैठना बच्चों और युवाओं के लिए कमर दर्द का बड़ा कारण बन सकता है।

ब्राजील में शोधकर्ताओं की एक स्टडी Healthcare नामक साइंस जर्नल में प्रकाशित की गई है। इसमें बताया गया है कि दिन में 3 घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन की ओर देखते रहना रीढ हड्डी को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। शारीरिक स्थिति के बारे में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में बैठना खतरनाक हो सकता है जब स्क्रीन आंखों के बहुत नजदीक हो और व्यक्ति रीढ के सहारे गलत स्थिति में बैठा हो, या फिर पेट के बल लेटकर स्क्रीन को देख रहा हो। 

स्टडी में खास फोकस थॉरासिक स्पाइन पेन (TSP) पर किया गया है। थॉरासिक स्पाइन छाती के ठीक पीछे वाले पीठ के हिस्से को कहा जाता है, यह कंधों के नीचे, गर्दन के निचले भाग से शुरू होती है। रिसर्च में साओ पोलो राज्य के एक मीडियम साइज शहर के 14 से 18 साल के उन युवक-युवतियों को शामिल किया गया है जो हाई स्कूल के पहले या दूसरे साल में पढ़ाई में कर रहे हैं। 

सबसे पहले एक बेसलाइन क्वॉस्चनेअऱ मार्च-जून 2017 में पूरा किया गया था जिसमें 1628 युवक-युवतियों ने भाग लिया था। उसके बाद 2018 में इनमें से 1393 ने फॉलोअप दिया। 38.4% में TSP के लक्षण पाए गए। यहां लड़कों से ज्यादा लड़कियों में TSP की शिकायत पाई गई। रिपोर्ट कहती है कि आजकल TSP वयस्कों के साथ ही बच्चों और किशोरों में काफी देखा जाने लगा है। वयस्कों में यह 15-35% पाया जाता है जबकि बच्चों और किशोरों में यह 13-35% पाया जाता है। 
कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा जिसने इसमें और ज्यादा वृद्धि की है। फिजिकल के साथ साथ यह इंसान के मनोवैज्ञानिक बर्ताव पर भी असर डालता है। रिसर्च कहती है कि बच्चों और युवाओं को स्कूलों और संस्थानों के अलावा घर में भी शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव रहने की सलाह दी जानी चाहिए। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  2. iPhone 17 में भी मिलेगा बड़ा डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट, लेकिन ये फीचर रहेगा गायब!
  3. 12GB RAM वाले स्मार्टफोन की है तलाश तो Realme P3 Ultra 5G, Poco F7 5G से लेकर iQOO Neo 10 जैसे 5 फोन रहेंगे बेस्ट
  4. Tata Motors की Harrier EV को Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में मिले 5 स्टार्स
  5. Samsung के Galaxy Z Fold 7, Z Flip 7 के साथ पेश हो सकता है ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन
  6. BSNL की फ्लैश सेल में सिर्फ 1 रुपये में मिलेगा 1 GB डेटा
  7. Infinix ने लॉन्च किया Hot 60i, MediaTek Helio G81 Ultimate चिपसेट
  8. Tata Motors ने लॉन्च किया Harrier EV का Stealth Edition, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Honor के Magic V5 में होगा 64 मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा, 2 जुलाई को लॉन्च
  10. iQOO Z10 Lite 5G vs Samsung Galaxy A06 5G vs Moto G45: 10 हजार में कौन सा है बेस्ट फोन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »