Android और iOS का ऑप्‍शन बनेगा स्‍वदेशी ऑपरेटिंग सिस्‍टम, सरकार कर रही तैयारी

ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस का मुख्य सॉफ्टवेयर होता है।

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Press Trust of India, अपडेटेड: 27 जनवरी 2022 16:58 IST
ख़ास बातें
  • Google और Apple के एकाधिकार का विकल्‍प देने की है तैयारी
  • मंत्री ने कहा, हम लोगों से बात कर रहे हैं। पॉलिसी भी देख रहे हैं
  • सरकार को उम्‍मीद है कि इससे एक इंडियन ब्रैंड डेवलप हो सकता है

इसके लिए स्टार्ट-अप और अकैडमिक इकोसिस्‍टम के भीतर क्षमताओं की तलाश की जा रही है।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्‍टम में Google और Apple के एकाधिकार का विकल्‍प देने के लिए केंद्र सरकार पहल करने जा रही है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार एक ऐसी पॉलिसी लाने की योजना बना रही है, जो Google के Android और Apple के iOS के ऑप्‍शन के रूप में एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए इंडस्‍ट्री को इकोसिस्‍टम मुहैया कराएगी। PTI को दिए एक इंटरव्‍यू में मंत्री ने बताया कि स्‍मार्टफोन में दो ऑपरेटिंग सिस्टम- एंड्रॉयड और iOS का कब्‍जा है, जो हार्डवेयर इकोसिस्‍टम को भी चला रहे हैं।

चंद्रशेखर ने कहा, यहां कोई तीसरा नहीं है, इसलिए MeitY और भारत सरकार की दिलचस्‍पी एक नया हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की है। हम लोगों से बात कर रहे हैं। पॉलिसी भी देख रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) के डेवलपमेंट के लिए स्टार्ट-अप और अकैडमिक इकोसिस्‍टम के भीतर क्षमताओं की तलाश कर रही है। याद रहे कि ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस का मुख्य सॉफ्टवेयर होता है।

चंद्रशेखर ने कहा कि हकीकत में अगर जरा भी क्षमता है, तो हम इस एरिया को डेवलप करने में रुचि लेंगे, क्योंकि इससे iOS और एंड्रॉयड के लिए एक ऑप्‍शन तैयार होगा, जिससे एक इंडियन ब्रैंड डेवलप हो सकता है। 

मंत्री ने कहा कि गोल क्‍लीयर होना महत्वपूर्ण है। जब हमारा गोल क्‍लीयर हो और पता हो कि हमें क्या हासिल करना है, तो सभी पॉलिसी और काम उसी हिसाब से होंगे। उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ इंडस्‍ट्री बॉडी ICEA द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्‍युफैक्‍चरिंग पर तैयार विजन डॉक्‍युमेंट का सेकंड वॉल्‍यूम भी रिलीज किया। इसके मेंबर्स में Apple, Lava, Foxconn, Dixon आदि शामिल हैं।
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इस डॉक्‍युमेंट में साल 2026 तक 300 अरब डॉलर (लगभग 22,55,265 करोड़ रुपये) की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्‍युफैक्‍चरिंग हासिल करने का रोड मैप है। मौजूदा वक्‍त में यह 75 अरब डॉलर (लगभग 5,63,820 करोड़ रुपये) है और वर्तमान में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात करीब 15 अरब डॉलर है। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा और आईटी मंत्रालय का लक्ष्य लीडिंग प्रोडक्‍ट कैटिगरी में देश की कंपनियों को चैंपियन बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ-साथ इक्विटी हासिल करने के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है। 
 
 

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