भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स के लिए बन सकता है कॉमन चार्जर का नियम

इस नियम को अगले वर्ष जून से लागू किया जा सकता है। इसका उद्देश्य डिवाइसेज में इस्तेमाल होने वाली केबल्स के कारण ई-वेस्ट को घटाना है

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Written by गैजेट्स 360 स्टाफ, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 25 जून 2024 18:23 IST
ख़ास बातें
  • यह USB Type-C पोर्ट होने की संभावना है
  • इस नियम को अगले वर्ष जून से लागू किया जा सकता है
  • इससे ई-वेस्ट को घटाया जा सकेगा

केंद्र सरकार अगले वर्ष से इस नियम को लागू कर सकती है

देश में बिकने वाले स्मार्टफोन्स के लिए एक स्टैंडर्ड चार्जिंग कनेक्टर का नियम लागू हो सकता है। यह USB Type-C पोर्ट होने की संभावना है। नए नियम का उद्देश्य यूजर्स को कई डिवाइसेज चार्ज करने के लिए सिंगल केबल के इस्तेमाल की सुविधा देना है। इससे ई-वेस्ट को घटाया जा सकेगा। 

यूरोपियन यूनियन (EU) में इस प्रकार का नियम इस वर्ष के अंत से लागू हो जाएगा। केंद्र सरकार अगले वर्ष से इस नियम को लागू कर सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जल्द ही डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स को स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स में समान चार्जर उपलब्ध कराने का निर्देश दे सकती है। इस निर्देश में लैपटॉप्स को भी शामिल किया जा सकता है। यह चार्जिंग पोर्ट USB Type-C हो सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल डिवाइसेज के लिए लागू नहीं होगा। 

इस नियम को अगले वर्ष जून से लागू किया जा सकता है। इसका उद्देश्य डिवाइसेज में इस्तेमाल होने वाली केबल्स के कारण ई-वेस्ट को घटाना है। EU ने भी स्मार्टफोन्स, हेडफोन, टैबलेट्स, कैमरा, हाथ में पकड़े जाने वाले वीडियो गेम कंसोल और पोर्टेबल स्पीकर्स के लिए स्टैंडर्ड चार्जिंग पोर्ट का नियम बनाया है। इस नियम की वजह से अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple को पिछले वर्ष iPhone 15 सीरीज के साथ अपने प्रॉपराइटरी लाइटनिंग पोर्ट की जगह USB Type-C देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

सरकार ने नवंबर 2022 में इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग के बाद चार्जिंग के स्टैंडर्ड तरीके के तौर पर USB Type-C को अपनाने पर सहमति दी थी। इस मीटिंग में स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और टैबलेट्स जैसे डिवाइसेज के लिए USB Type-C को चार्जिंग पोर्ट के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला हुआ था। हालांकि, इस नियम को लागू करने के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई गई थी। सरकार की ओर से जल्द कॉमन चार्जर के नियम की घोषणा की जा सकती है। इस नियम के पालन को सुनिश्चित करने के लिए छह महीने की अतिरिक्त अवधि भी दी जा सकती है। इस नियम का शुरुआत में कुछ डिवाइसेज मेकर्स ने विरोध किया था लेकिन बाद में सरकार की ओर से दबाव के बाद वे इसे मानने के लिए सहमत हो गए थे। 

 
 

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