• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • पैरेंट्स सावधान! वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों में आ सकती है दिमागी समस्या

पैरेंट्स सावधान! वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों में आ सकती है दिमागी समस्या

रिसर्च के दौरान प्रतिभागियों से कई तरह के सवाल पूछे गए, यह जानने के लिए कि उन्हें परेशान करने वाले विचार, अजीब किस्म के अनुभव तो नहीं हुए हैं?

पैरेंट्स सावधान! वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों में आ सकती है दिमागी समस्या

स्मार्टफोन की लत सिर्फ वयस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रही है।

ख़ास बातें
  • स्टडी इस आदत के बुरे प्रभावों के बारे में बात करती है
  • बच्चों में बाद में जाकर मनोवैज्ञानिक जटिलताएं आने का खतरा
  • वीडियो गेम खेलने वालों में 3 से 7 प्रतिशत ज्यादा मनोवैज्ञानिक अनुभव
विज्ञापन
स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। मोबाइल, टैबलेट्स एक ओर जहां इंसान की जिंदगी को आसान बनाते हैं, दूसरी ओर ये अपने साथ कई खतरे भी लेकर आते हैं। स्मार्टफोन की लत सिर्फ वयस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रही है। नई स्टडी इस आदत के बुरे प्रभावों के बारे में बात करती है। स्टडी में कहा गया है कि मोबाइल फोन या टैबलेट्स पर ज्यादा देर तक वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों में बाद में जाकर मनोवैज्ञानिक जटिलताएं देखने को मिल सकती हैं। यानी दिमागी स्वास्थ्य पर इनका बुरा प्रभाव पड़ता है। 

कनाड़ा में मैकगिल यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने इस स्टडी को कंडक्ट किया है। जिसमें पाया गया है कि किशोरावस्था में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया बहुत अधिक इस्तेमाल 23-24 की साल की उम्र में जाकर पैरानोइया, डेल्यूजन, हैलुसिनेशन (जिन्हें मति भ्रम भी कहते हैं) का कारण बनता है। ये सभी दिमाग से जुड़ी समस्याएं हैं। शोधकर्ताओं ने 1997 और 1998 के बीच जन्मे 1226 प्रतिभागियों पर इस बात का विश्लेषण किया। स्टडी को JAMA Psychiatry नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। 

रिसर्च के दौरान प्रतिभागियों से कई तरह के सवाल पूछे गए, यह जानने के लिए कि उन्हें परेशान करने वाले विचार, अजीब किस्म के अनुभव तो नहीं हुए हैं? इन सवालों में कुछ यूं थे- क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि लोग आपके बारे में कोई हिंट देते हैं या फिर आपसे दोहरे मतलब वाली बातें करते हैं? क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आपके मन में जो विचार आ रहे हैं वे आपके अपने विचार नहीं हैं? क्या आपने अकेले होने पर कभी आवाजें सुनी हैं? 

दिए गए जवाबों के आधार पर शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि किशोरावस्था में वीडियो गेम खेलने वालों में 3 से 7 प्रतिशत ज्यादा मनोवैज्ञानिक अनुभव हुए हैं। लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यहां हम अकेले टेक्नोलॉजी पर ही दोष नहीं रख सकते हैं। कहा गया कि किसी बच्चे में अगर किसी डिवाइस की लत के लक्षण दिख रहे हैं तो यह इस बात की चेतावनी है कि वह जल्द ही दिमागी रूप से बीमार हो सकता है। रिसर्च टीम ने कहा कि युवाओं को एकदम से स्क्रीन से दूर कर देना भी कोई समाधान नहीं है, बल्कि यह ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। टीम को उम्मीद है कि यह रिसर्च साइकोलॉजिस्ट को यह समझने में मदद जरूर करेगी कि युवाओं में ऐसे दिमागी लक्षण क्यों पैदा हो जाते हैं, और इस समस्या में उनकी मदद कैसे की जा सकती है।  
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ये हैं 7000mAh+ बैटरी वाले धांसू स्मार्टफोन, बार-बार चार्ज करने के झंझट से मिल जाएगा छुटकारा
  2. Realme 15 Pro का Game of Thrones एडिशन जल्द हो सकता है लॉन्च
  3. टैबलेट की बढ़ी डिमांड, Apple का पहला स्थान बरकरार
  4. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  5. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  6. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
  7. FASTag Annual Pass: एक बार रिचार्ज करो और टेंशन खत्म! क्या है एनुअल पास और कैसे करें एक्टिव? यहां जानें
  8. WhatsApp पर कॉल कैसे करें शेड्यूल, ये है आसान प्रक्रिया
  9. रक्षा बंधन पर अपनी बहनों को गिफ्ट करें ये टेक गैजेट, 2 हजार से भी कम आएगा खर्च
  10. Panasonic ने लॉन्च किए 75-इंच साइज तक के 21 स्मार्ट टीवी मॉडल्स, कीमत Rs 17,990 से शुरू
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »