दुनिया की टॉप स्मार्टफोन कंपनियों में शामिल Apple का कहना है कि वह उन यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजेगी जिनके iPhone और डिवाइसेज किसी देश की सरकार की ओर से की गई हैकिंग की कोशिश से हैक हुए हैं। Apple ने पिछले सप्ताह इजरायली कंपनी NSO Group के खिलाफ कानूनी मामला दायर किया था। Apple का दावा है कि NSO Group ने iPhone को हैक करने वाला स्पाइवेयर Pegasus बेचकर अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया है।
किसी यूजर के
iPhone या कंपनी के किसी अन्य डिवाइस के हैकिंग का शिकार होने का पता चलने पर Apple एक iMessage और फाइल पर मौजूद ईमेल एड्रेस पर मेल भेजेगी। इसके अलावा यूजर के Apple ID में साइन इन करने पर थ्रेट नोटिफिकेशन दिखेगा। Apple ने एक सपोर्ट डॉक्यूमेंट में बताया है, "यूजर्स कौन है और क्या करता है, इस कारण से उसे निशाना बनाया जाता है। सामान्य सायबर अपराधियों के विपरीत सरकार की ओर से प्रायोजित हैकिंग में अटैक के लिए अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह की हैकिंग का पता लगाना मुश्किल होता है।"
कंपनी ने बताया कि सरकार की ओर से प्रायोजित हैकिंग बहुत जटिल होती है और इसके लिए लाखों डॉलर खर्च किए जाते हैं। Apple ने NSO Group के खिलाफ कानूनी मामला दायर करने के बाद यह घोषणा की है। NSO Group का कहना है कि उसकी हैकिंग की टेक्नोलॉजी केवल वैध सरकारों को अपराधियों की निगरानी करने और कानून लागू करने जैसे उद्देश्यों के लिए बेची जाती है।
लगभग चार वर्ष पहले आई एक रिपोर्ट में
Pegasus का इस्तेमाल प्रमुख पत्रकारों, वकीलों, एंटी करप्शन एक्टिविस्ट्स और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए करने की जानकारी मिली थी। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों पर भी इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करने का शक है।
अमेरिकी सरकार ने NSO Group की एक्टिविटीज पर लगाम लगाई है। भारत में भी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में Pegasus के इस्तेमाल से कुछ पत्रकारों और मंत्रियों और एक्टिविस्ट्स के फोन को हैक करने का आरोप गया था। हालांकि, इस मुद्दे पर संसद में विपक्षी दलों ने हंगामा भी किया था। सरकार से यह पूछा गया था कि उसने इजरायली कंपनी से यह स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं। सरकार ने इसे लेकर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया था।