European Union ने हाल ही में एक कानून पास किया था, जिससे Apple की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। लंबे अर्से से अपने प्रोडक्ट्स पर लाइटनिंग पोर्ट का इस्तेमाल करने वाली कंपनी को आने वाले समय में अपने iPhones, iPads और अन्य डिवाइस पर लाइटनिंग पोर्ट के बजाय USB-C पोर्ट देना पड़ेगा। EU ने 2024 की शुरुआत से सभी मोबाइल डिवाइस, टैबलेट्स और कैमरा में स्टैंडर्ड पोर्ट के रूप में USB-C पोर्ट को चार्जिंग और डाटा ट्रांसफर के लिए अनिवार्य कर दिया है। अब, एक रिपोर्ट कहती है कि Apple अपकमिंग iPhone 15 सीरीज में भी USB-C पोर्ट देने वाली है, जिसके 2023 में लॉन्च होने की उम्मीद है।
Bloomberg के
अनुसार, iPhone 15 कथित तौर पर USB-C पोर्ट के साथ 2023 में लॉन्च होगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि Apple द्वारा लिए जाने वाले इस कदम के पीछे European Union का
हालिया फैसला कारण है, जिसमें डिवाइस निर्माताओं को सभी डिवाइस में एक समान USB-C पोर्ट देने की बात कही गई थी।
इस कैटेगरी में लैपटॉप भी आते हैं, लेकिन मैन्युफेक्चरर्स को इसके लिए 2026 तक का समय दिया गया है। USB-C अब सभी मोबाइल डिवाइसेज के लिए EU रीजन में अब न्यू नार्मल होने वाला है। ई-रीडर्स, ईयरबड्स और अन्य एक्सेसरीज के मैन्युफेक्चरर्स पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
Apple हमेशा से लाइटनिंग पोर्ट का इस्तेमाल करती आ रही है। कंपनी द्वारा निर्मित iPhones और AirPods अभी भी USB-C पोर्ट की जगह लाइटनिंग पोर्ट के साथ ही आते हैं। यही पोर्ट
ऐप्पल अपने iPad और MacBook रेंज में भी इस्तेमाल करती है।
EU में USB-C को उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली लागत को कम करने के लिए अनिवार्य किया गया है। USB-C को स्टैंडर्ड पोर्ट के रूप में इस्तेमाल करने से लोगों को अपने नए स्मार्टफोन्स के लिए नए चार्जर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे रीसाइक्लिंग को बढ़ाव मिलेगा। इसी के साथ, USB-C लगभग हर तरह की डिवाइसेज को फास्ट चार्ज करने में सक्षम है।