पिछले साल के एंड्रॉयड एन की तरह ही, एंड्रॉयड ओ डेवलेपर प्रिव्यू को भी जल्द
रिलीज़ कर दिया गया है। डेवलेपर प्रिव्यू का मतलब है कि यह ऐप डेवलेपर और डिवाइस बनाने वालों के लिए है। और अभी यह अपने शुरुआती दौर में है। एंड्रॉयड ओ में बैकग्राउंड लिमिट्स, नोटिफिकेशन चैनल, स्टैंडर्ड ऑटोफिल एपीआई, पिक्चर-इन-पिक्चर वीडियो, अडेप्टिव आइकन के साथ मल्टी-डिस्प्ले सपोर्ट भी मिलेगा।
पिछले कई हफ्तों से गूगल एंड्रॉयड ओ को लेकर ख़बरे हैं और अब आखिरकार एंड्रॉयड ओ आधिकारक हो गया है। गूगल का पहला डेवेलपर प्रिव्यू
नेक्सस 5एक्स, नेक्सस 6पी, नेक्सस प्लेयर,
पिक्सल सी,
पिक्सल और
पिक्सल एक्सएल स्मार्टफोन
सपोर्ट करता है लेकिन अभी यह सिर्फ डेवेलपर के लिए है और बेहद शुरुआती दौर में है। अभी, कोई बीटा या ओटीए इमेज उपलब्ध नहीं है, जिसका मतलब है कि यूज़र को अपने डिवाइस डेवलेपर प्रिव्यू फ्लैश करना होगा।
ऊपर बताए गए फ़ीचर को जहां पहले बिल्ड के साथ जारी किया गया है। लेकिन आने वाले समय में कुछ और फ़ीचर आने की उम्मीद है, क्योंकि फाइनल बिल्ड के 2017 की तीसरी तिमाही से पहले आने की उम्मीद नहीं है गूगल ने आने वाले कई डेवलेपर प्रिव्यू रिलीज़ का भी खुलासा किया है। एंड्रॉयड ओ डेवलेपर प्रिव्यू 2 मई में, डेवलेपर प्रिव्यू 3 फाइनल एपीआई के साथ जून में और डेवेलपर प्रिव्यू 4 जुलाई में लॉन्च किया जाएगा। फाइनल रिलीज़ तीसरी तिमाही में होगा।
गूगल आई/ओ में एंड्रॉयड एन के कई और फ़ीचर के बारे में पता चलने की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल हम, एंड्रॉयड ओ के अभी आए नए फ़ीचर पर एक नज़र डालते हैं।
ऐप के लिए बैकग्राउंड लिमिट पर ज्यादा नियंत्रणएंड्रॉयड नूगा ने स्मार्टफोन यूज़र को बेहतर बैटरी लाइफ मिलने में मदद की और एंड्रॉयड ओ ने इसे और बेहतर बनाने का वादा किया है। गूगल ने बैकग्राउंड में ऐप के लिए अतिरिक्त ऑटोमेटिक लिमिट जोड़ी हैं, जो कि ख़ासकर तीन क्षेत्र- अंतर्निहित ब्रॉडकास्ट, बैकग्राउंड सर्विस और लोकेशन अपडेट शामिल हैं।
नोटिफिकेशन चैनलगूगल ने नए नोटिफिकेशन चैनल फ्रेमवर्क के साथ यूज़र को नोटिफिकेशन के लिए ज्यादा कंट्रोल दिया है। इनमें नोटिफिकेशन कंटेट के लिए ऐप को कैटेगराइज़ किया जा सकता है। इसमें सभी ऐप की नोटिफिकेशन को एक साथ मैनेज करने की जगह यूज़र एक ऐप के लिए अलग-अलग तरह के नोटिफिकेशन सेट कर सकता है। यूज़र जरूरत, आवाज़, लाइट, वाइब्रेशन आदि के हिसाब से पूरे चैनल के लिए कंट्रोल सेट कर सकते हैं।
अडेप्टिव आइकनऐप में अब, अडेप्टिव लॉन्चर आइकन हैं जो अब डिवाइस के हिसा से अलग-अलग आकार के होंगे। इसके अलावा सिस्टम अब, आइकन को एनिमेटेड करने और उन्हें शॉर्टकट, सेटिंग करने की क्षमता के साथ आता है।
हाई-रिज़ॉल्यूशन ऑडियो सपोर्ट और नए कनेक्टिविटी फ़ीचरएंड्रॉयड ओ में अब हाई-क्वालिटी ब्लूटूथ ऑडियो कोडेक जैस सोनी का एलडीएसी कोडेक सपोर्ट मिलेगा। ऑडियो एक नया नेटिव एपीआई है जिसे ख़ासतौर पर हाई-परफॉर्मेंस वाले ऐप के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऑडियो इस्तेमाल करने वाले ऐप से डेटा स्ट्रीम के जरिए रीड और राइट कर सकते हैं।
गूगल नए वाई-फाई फ़ीचर जैसे वाई-फाई अवेयर भी शामिल कर रहा है, जिसे पहले नेबर अवेयरनेस नेटवर्किंग (एनएएन) नाम से जाना जाता था। इससे ऐप और आसपास डिवाइस को इंटरनेट एक्सेस पॉइंट के बिना ही वाई-फाई से कम्युनिकेट किया जा सकता है। कनेक्शनसर्विस एपीआई भी थर्ड-पार्टी कॉलिंग ऐप बन गया है, जिसे अब अलग-अलग यूआई जैसे कि कार की हेड यूनिट में दिखाया जा सकता है।
बेहतर कीबोर्ड नेविगेशनक्रोम ओएस पर गूगल प्ले ऐप के साथ, गूगल अब एंड्रॉयड ओ में ऐसे डिवाइस के लिए कीबोर्ड के इस्तेमाल को अहमियत दे रहा है।
इसके अलावा वेबव्यू को बेहतर किया है जिसमें अब डिफॉल्ट तौर पर मल्टीप्रोसेस इनेबल होगा। और एक नया एपीआई है जिससे अब ऐप क्रैश होने या हैंग होने पर ज्यादा बेहतर तरीके से डील कर सकेंगे। एंड्रॉयड ओ अब कई नई जावा लैंग्वेज एपीआई सपोर्ट करता है, इनमें नया जावा.एपीआई भी शामिल है। द एंड्रॉयड रनटाइम के पहले से ज्यादा तेज होने की बात कहा जा रही है, और इसके कुछ ऐप्लिकेशन बेंचमार्क पर 2 गुना ज्यादा बेहतर होने का दावा किया गया है।