स्मार्टफोन और बहुत से अन्य टेक प्रोडक्ट्स बनाने वाली Xiaomi चीन की Beijing में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) प्लांट बनाने की तैयारी कर रही है। इस प्लांट की वार्षिक कैपेसिटी 3,00,000 यूनिट की हो सकती है। यह जानकारी चीन की सरकार ने दी है। प्लांट का कंस्ट्रक्शन दो फेज में किया जाएगा। टेक कंपनियां अपने बिजनेस मॉडल का दायरा बढ़ाकर नए एरिया में जा रही हैं। EV का मार्केट दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है और इसमें इन कंपनियों के लिए काफी संभावना है।
EV के प्रोडक्शन की योजना बनाने वाली
Xiaomi पहली टेक कंपनी नहीं है। इससे पहले Apple, Huawei और कुछ अन्य कंपनियों ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के डिवेलपमेंट पर विचार किया है। Xiaomi के EV मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कंपनी की नई EV का हेडक्वार्टर भी होगा। यह प्लांट बीजिंग इकोनॉमिक एंड टेक्नोलॉजिकल डिवेलपमेंट जोन में होगा। इसमें कंपनी की EV यूनिट के सेल्स और रिसर्च ऑफिस भी होंगे।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, प्लांट से 2024 तक प्रोडक्शन शुरू होने का अनुमान है। कंपनी ने
मार्च में बताया था कि वह अपनी नई EV डिविजन को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए 10 वर्ष में लगभग 10 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करेगी।
Xiaomi का बिजनेस कई सेगमेंट में बढ़ रहा है। कंपनी के स्मार्टफोन्स की बिक्री बहुत से देशों में बढ़ी है। इससे कंपनी को अच्छा प्रॉफिट भी मिल रहा है। कंपनी अपनी EV यूनिट में इनवेस्टमेंट पर भी जल्द रिटर्न कमाने की उम्मीद रखेगी। Xiaomi के बड़े मार्केट्स में भारत शामिल है। कंपनी ने हाल के वर्षों में भारत में कुछ अन्य टेक प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी EV कंपनी Tesla के लिए चीन एक महत्वपूर्ण मार्केट है। Tesla का चीन में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी मौजूद है। इस प्लांट से कंपनी चीन में बिक्री करने के साथ एक्सपोर्ट भी करती है। इस प्लांट को अपग्रेड करने के लिए कंपनी जल्द ही 18 करोड़ डॉलर से अधिक का इनवेस्टमेंट करेगी। इसकी इंस्टॉल्स कैपेसिटी 4,50,000 यूनिट की है। Tesla इस प्लांट में Model 3 सेडान और Model Y SUV जैसे मॉडल्स का प्रोडक्शन करती है। कंपनी ने कोरोना के कारण हुई मुश्किलों और चिप की कमी के बावजूद इस प्लांट से इस वर्ष प्रोडक्शन को बढ़ाया है। यह अमेरिका के बाहर Tesla का पहला प्लांट था।
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