भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म से लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 49 फीसदी बढ़कर 13.9 अरब हो गई है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के लेटेस्ट डेटा में यह जानकारी दी गई है। हालांकि लेनदेन की संख्या मई के 14 अरब के आंकड़े से थोड़ी सी कम है। इसकी वजह जून में मई के मुकाबले कम दिनों का होना है। जून में यूपीआई लेनदेन की कुल वैल्यू सालाना आधार पर 36 फीसदी बढ़कर 20.1 लाख करोड़ रही है। मई में यूपीआई लेनदेन की वैल्यू सालाना आधार पर 37 फीसदी बढ़कर 20.4 लाख करोड़ रुपये पर थी।
NPCI के डेटा के मुताबिक, जून में यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही है और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। आधार के जरिए होने वाले पेमेंट की संख्या में सालाना 4 फीसदी की बढ़त हुई है और यह 100 मिलियन पर पहुंच गया है।
हालांकि कुल पेमेंट वैल्यू सालाना आधार पर 5 फीसदी गिरकर 25,122 करोड़ रुपये रही है। औसत रोजाना लेनदेन की संख्या 3.3 मिलियन पर रही है और औसत रोजाना लेनदेन वैल्यू 837 करोड़ रुपये रही।
जून में फास्टैग लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह 334 मिलियन रही है। वहीं, इन लेनदेन की वैल्यू 11 प्रतिशत बढ़कर 5,780 करोड़ रुपये पर रही। यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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