Twitter पर UP पुलिस ने क्यों किया धार्मिक हिंसा भड़काने वाला मामला दर्ज?

मामला एक वीडियो को शेयर करने का है जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति गाजियाबाद में कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद अपनी आपबीती बताता है।

Twitter पर UP पुलिस ने क्यों किया धार्मिक हिंसा भड़काने वाला मामला दर्ज?

गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि Twitter और ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया ने भी अपने ट्वीट्स को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

ख़ास बातें
  • वीडियो प्रसार संबंध में माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म Twitter पर मामला दर्ज।
  • भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं को लेकर हुई FIR दर्ज
  • पुलिस ने सार्वजनिक शांति भंग करने को लेकर कई लोगों पर किया मामला दर्ज।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक वीडियो के प्रसार के संबंध में माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म Twitter, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वीडियो में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति गाजियाबाद में कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद अपनी आपबीती बताता है। इस मामले में FIR गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में मंगलवार रात करीब 11:30 बजे एक स्थानीय पुलिसकर्मी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को सांप्रदायिक अशांति को भड़काने के इरादे से शेयर किया गया था।

14 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो क्लिप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल शामद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उनकी पिटाई की और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा। हालांकि गाजियाबाद पुलिस, जिन्होंने मुसलमानों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है, ने इस मामले के सांप्रदायिक कोण से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि आरोपी उस 'ताबीज' से नाखुश थे जो उसने उन्हें बेचा था। गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान कल्लू और आदिल के रूप में हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मंगलवार को बताया कि उनके अलावा पोली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर भी इस घटना में शामिल थे।

बाद में मंगलवार को पुलिस ने क्लिप शेयर करने को लेकर Twitter, Twitter Communications India, समाचार वेबसाइट The Wire, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के राजनेता सलमान निजामी, मस्क़ूर उस्मानी, डॉ समा मोहम्मद और लेखक सबा नकवी के खिलाफ FIR दर्ज की। FIR में कहा गया है, "इन लोगों ने मामले की सच्चाई को वैरीफाई  नहीं किया और सार्वजनिक शांति को भंग करने और धार्मिक समूहों के बीच विभाजन पैदा करने के इरादे से इसे सांप्रदायिक कोण से ऑनलाइन शेयर किया।" इसके अलावा ट्विटर और ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया ने भी अपने ट्वीट्स को हटाने के लिए कोई उपाय नहीं किया।"

FIR भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से) के तहत दर्ज की गई है। 
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