T-Mobile US, जो कि अमेरिका का वायरलेस ऑपरेटर है, ने 5 हजार कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है। टेलीकॉम फर्म वर्कफोर्स को 7% कम करना चाहती है। यह छंटनी अमेरिका में की जाएगी। कंपनी की ओर से कारण बताते हुए कहा गया है कि मार्केट में कंपीटिशन के चलते नए ग्राहक जोड़ने में लागत बढ़ रही है, जिसके कारण कंपनी को यह कदम उठाना पड़ रहा है।
टी-मोबाइल अमेरिका में 5000 कर्माचारियों की छंटनी करने जा रहा है। कहा गया है कि छंटनी का सबसे ज्यादा असर कॉर्पोरेट और बैक ऑफिस जॉब्स पर पड़ेगा।
Reuters के अनुसार, कंपनी के सीईओ माइक सीवर्ट (Mike Sievert) ने एक ईमेल के जरिए कंपनी के कर्मचारियों को इस बारे में सूचना दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम कैरियर पिछली तीन तिमाहियों से डिस्काउंटेड बंडल्स के सहारे सब्सक्राइबर जोड़ने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इससे कंपनी पर बोझ पड़ने लगा।
बतौर रिपोर्ट, T-Mobile US के CEO माइक सीवर्ट (Mike Sievert) ने कहा कि कस्टमर्स को लुभाना और कंपनी के साथ जोड़े रखना अब बहुत महंगा पड़ रहा है, लेकिन कुछ महीने पहले ऐसा नहीं था। छंटनी का सबसे ज्यादा असर कॉर्पोरेट और बैक ऑफिस जॉब्स पर पड़ेगा। इसमें कुछ टेक्नोलॉजी संबंधित जॉब्स को भी कम किया जाएगा। कहा गया है कि रिटेल और कस्टमर केयर डिवीजन पर इस छंटनी का असर नहीं होगा।
T-Mobile की ओर से जुलाई में कहा गया था कि कंपनी 56 से 59 लाख तक नए सब्सक्राइबर बढ़ने की उम्मीद कर रही है। अमेरिका में कंपनी का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी AT&T भी कॉस्ट कटिंग को और आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है। T-Mobile को 2 सितंबर 2001 में बनाया गया था। यह मल्टीनेशनल टेलीकम्युनिकेश कंपनी Deutsche Telekom AG में सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है। टी-मोबाइल का हेडक्वार्टर बेलिव्यू, वाशिंगटन में स्थित है। कंपनी के फाउंडर John W. Stanton हैं।
Microsoft की ओर से भी हाल ही में 1 हजार कर्मचारियों की छंटनी की खबर सामने आई थी। इसमें अधिकतर कर्मचारियों की छंटनी सेल और कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से बताई गई थी। इतना ही नहीं कंपनी ने अपने डिजिटल सेल्स ग्रुप को बंद कर दिया था और इससे जुड़े कस्टमर सर्विस कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बतौर
रिपोर्ट कंपनी 2023 में 10 हजार से ज्यादा छंटनी करने जा रही है। इन 1000 कर्माचारियों का निकाला जाना उसी छंटनी का हिस्सा बताया जा रहा है।