Hyundai Creta कार में एक तकनीकी गड़बड़ी का आना कंपनी को महंगा पड़ गया। राज्य उपभोक्ता आयोग से चला एक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला कार के मालिक के पक्ष में सुनाया है और कंपनी को मुआवजा देने को कहा है। एक कस्टमर ने कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर रिड्रेसल कमिशन में मामला दर्ज करवाया था कि उनकी कार के एक्सीडेंट के दौरान एयरबैग नहीं खुलने से उन्हों छाती और सिर में गंभीर चोटें आईं। कमिशन ने मामले की जांच के बाद कंपनी पर जुर्माना लगाया। मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कमिशन ने हुंडई को मुआवजे के रूप में कस्टमर को 3 लाख रुपये देने का आदेश दिया। इस रकम में 2 लाख रुपये चिकित्सा खर्च शामिल था। 50 हजार रुपये इनकम में हुए नुकसान और 50 हजार रुपये मुकदम की लागत और मानसिक परेशानी के लिए शामिल थे।
शैलेंद्र भटनागर नाम के शख्स ने यह मामला दर्ज करवाया था। गाड़ी के मालिक का कहना था कि हाइव पर उनकी गाड़ी का जब एक्सीडेंट हुआ तो गाड़ी के एयरबैग्स नहीं खुले। घटना 16 नवंबर 2017 को हुई बताई जा रही है। Barandbench वेबसाइट की
रिपोर्ट के अनुसार, शैलेंद्र अपनी Creta 1.6 VTVT SX+ से दिल्ली-पानीपत हाईवे पर ड्राइव कर रहे थे। अचानक उनकी कार का किसी वजह से एक्सीडेंट हो गया। कार के फ्रंट में दो एयरबैग थे। दुर्घटना काफी गंभीर थी और हादसे में गाडी का दायां रूफ, फ्रंट पिलर, डोर व बॉडी पैनल और आगे के व्हील सस्पेंशन को भारी नुकसान हुआ।
चालक का कहना है कि एक्सीडेंट के समय एयरबैग नहीं खुले और उनकी छाती और सिर में चोटें आईं। मालिक ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग (Delhi State Consumer Redressal Commission) में इस संबंध में केस फाइल किया। कमिशन का फैसला शैलेंद्र के पक्ष में ही आया। लेकिन, इस फैसले को बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में चुनौती दी गई। यहां भी कमिशन ने गाड़ी के मालिक के हक में फैसला दिया। कमिशन ने आदेश दिया कि मालिक को नई कार दी जाए।
इसके बाद भी नेशनल कमिशन के फैसले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी यही फैसला दिया है कि कंपनी की लापरवाही के कारण कार मालिक को चोटें आईं और कस्टमर को मुआवजा दिया जाए।
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