दुनियाभर में सांपों के काटने से होने वाली मौत में सबसे आगे भारत है। एक स्टडी में बताया गया है कि 2019 में सांपों के काटने से 63,000 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिसमें से 80 प्रतिशत (51,000) मामले भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीडोट की उपलब्धता की कमी के कारण दर्ज किए गए। इसके बारे में एक स्टडी से पता चला है। वहीं, सबसे कम, दो मामले ऑस्ट्रेलिया में थे।
Dailymail के
अनुसार, क्वींसलैंड में जेम्स कुक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि निष्कर्षों के आधार पर, उन्हें विश्वास नहीं है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का 2030 तक सांप के काटने से होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इस स्टडी का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर रिचर्ड फ्रैंकलिन का कहना है कि 'अधिक तेजी से एंटीवेनम डिलीवरी को सुरक्षित करने के लिए हस्तक्षेपों को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने जैसी निवारक रणनीतियों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।"
स्टडी के रिजल्ट बताते हैं कि सांप के जहर से होने वाली अधिकांश मौतें दक्षिण एशिया में हुईं - अफगानिस्तान से लेकर श्रीलंका तक का क्षेत्र, जिसमें पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश भी शामिल हैं। भारत में विशेष रूप से, मृत्यु दर की गणना प्रत्येक 100,000 लोगों में चार मौतों के रूप में की गई थी, जो ग्लोबल औसत 0.8 से बहुत अधिक है।
उप-सहारा अफ्रीका का क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें नाइजीरिया में सबसे ज्यादा 1,460 मौतें हुईं।