सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी की है जिससे दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे मेट्रो शहरों में बाइक टैक्सी सर्विस पर मौजूदा बैन हट सकता है। एडवाइजरी मोटर वाहन (MV) एक्ट, 1988 की धारा 2(7) के तहत मोटरसाइकिलों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के रूप में कैटेगराइज करने पर जोर देती है। दिल्ली और महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध मोटर वाहन नियमों का पालन न करने का परिणाम था, विशेष रूप से कर्मशियल उद्देश्यों के लिए नियमित बाइक का उपयोग, जो मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 का उल्लंघन था।
इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने चेतावनी दी थी कि उचित कर्मशियल लाइसेंस के बिना बाइक टैक्सी चलाना कानूनी उल्लंघन माना जाएगा, जिसमें 10,000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक के लिए लाइसेंस निलंबन की संभावना हो सकती है।
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अनुसार, MoRTH की नई सलाह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एमवी अधिनियम और इसके साथ जुड़े नियमों के प्रावधानों के अनुरूप मोटरसाइकिलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए आवेदन स्वीकार करने और संसाधित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यदि दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्य इन दिशानिर्देशों को अपनाते हैं, तो संभावित रूप से बाइक टैक्सी सेवाओं की बहाली हो सकती है।
बाइक टैक्सियों के सड़कों पर वापस आने से यात्रियों को विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में एक बहुत जरूरी ऑप्शनल ट्रांसपोर्टेशन साधन दे सकता है। इसके अलावा, इसमें नौकरी के अवसर पैदा करने और इनकम के एडिशनल सोर्स की तलाश करने वालों को भी बेनिफिट मिलेगा।
जबकि बाइक टैक्सी सर्विस को कुछ राज्यों में चुनौतियों और बैन का सामना करना पड़ा, गोवा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों ने इनके ऑपरेशन की अनुमति दी है।