देश के बहुत से राज्यों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा देने के उपाय किए जा रहे हैं। राजस्थान सरकार ने EV खरीदने वालों को ग्रांट देने वाली एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है। इसके तहत राज्य सरकार ने EV की खरीद के लिए 40 करोड़ रुपये के योगदान को स्वीकृति दी है।
इस पॉलिसी का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या बढ़ाना है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बजट में इस पॉलिसी की घोषणा की है। राज्य सरकार ने राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (REVP) लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस पॉलिसी के ड्राफ्ट को कुछ महीने पहले स्वीकृति दी गई थी।
EV की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (SGST) में छूट देगी। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। इस मार्केट में कुछ विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपने EV मॉडल लॉन्च कर रही हैं।
हालांकि, सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला ने इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट नहीं मिलने के कारण भारत में अपना बिजनेस शुरू करने की योजना टाल दी है। जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपनी मर्सिडीज बेंज ने देश के EV मार्केट में टॉप पोजिशन हासिल करने की योजना बनाई है। Tesla की देश में मौजूदगी नहीं होने का मर्सिडीज को फायदा मिलेगा। इस वर्ष कंपनी तीन इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करेगी।
भारत में मर्सिडीज के बिजनेस हेड Martin Schwenk का कहना है कि कंपनी एक लग्जरी EV को असेंबल करने के साथ ही देश भर में फास्ट चार्जिंग नेटवर्क भी शुरू करेगी। यह देश में बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर सकती है। Martin ने कहा, "हम EV मार्केट में आक्रामक तरीके से शुरुआत कर रहे हैं। अगले पांच वर्षों में देश में हमारी
बिक्री का लगभग 25 प्रतिशत EV से मिलेगा। हमारी महत्वाकांक्षा इलेक्ट्रिक सेगमेंट में आगे रहने की है।" मर्सिडीज अपनी AMG EQS 53 4MATIC परफॉर्मेंस कार के इम्पोर्ट किए जाने वाले इलेक्ट्रिक मॉडल के साथ देश के लग्जरी EV मार्केट में शुरुआत करेगी। इसका प्राइस लगभग 2.45 करोड़ रुपये होगा। इस कार की सिंगल चार्ज में 580 किलोमीटर तक की रेंज होगी। इसके बाद S-क्लास सेडान EQS का स्थानीय स्तर पर असेंबल किया जाने वाला इलेक्ट्रिक वर्जन लॉन्च किया जाएगा।