पेमेंट सर्विसेज कंपनी Paytm के चेयरमैन Vijay Shekhar Sharma जल्द ही इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन जाएंगे। चीन की फिनटेक कंपनी Ant Financial से वह 10.3 प्रतिशत हिस्सेदारी 62.8 करोड़ डॉलर में खरीदेंगे। पेटीएम में चीन की हिस्सेदारी को लेकर चिंता के बीच कंपनी अपने शेयरहोल्डिंग के स्ट्रक्चर को आसान बनाना चाहती है।
इस डील के बाद शर्मा अपनी 19.42 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पेटीएम में सबसे बड़े शेयरहोल्डर होंगे। एक ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट ने बताया, "सरकार और RBI की भारतीय फिनेटक कंपनियों में चीन की हिस्सेदारी को लेकर चिंताओं की वजह से पेटीएम में चाइनीज कंपनियों की हिस्सेदारी घटाई जा रही है।"
पेटीएम में Ant Financial (नीदरलैंड्स) की हिस्सेदारी इस डील के बाद घटकर 13.5 प्रतिशत रह जाएगी। हालांकि, इस डील के लिए पेटीएम की ओर से नकद भुगतान नहीं किया जाएगा। शर्मा की एक एंटिटी की ओर से Ant Financial को कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किए जाएंगे।
पेटीएम ने इस बारे में एक स्टेटमेंट में बताया है, "इस अधिग्रहण के लिए नकद भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही शर्मा कोई गारंटी या अन्य एश्योरेंस देंगे।" कंपनी ने बताया कि इस डील से पेटीएम के मैनेजमेंट या कंट्रोल में बदलाव नहीं होगा। इस वर्ष की शुरुआत में चीन की Alibaba ने भी पेटीएम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी थी। इसके अलावा जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप भी ओपन मार्केट डील्स के जरिए पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहा है। सॉफ्टबैंक ग्रुप की पेटीएम में हिस्सेदारी 9.18 प्रतिशत की है। कंपनी में शर्मा के हिस्सेदारी बढ़ाने की घोषणा के बाद कंपनी के शेयर में तेजी आई है।
हालांकि,
कंपनी के शेयर प्राइस के बढ़ने के बावजूद यह लगभग दो वर्ष पहले हुई लिस्टिंग के प्राइस से 60 प्रतिशत कम है। पिछले वर्ष नवंबर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम के पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। हालांकि, कंपनी को बाद में लाइसेंस के लिए दोबारा आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। चीन के साथ सीमा के विवाद सहित कुछ अन्य मुद्दों पर विवाद के कारण केंद्र सरकार ने चीन की कंपनियों पर लगाम कसी है। इसी कड़ी में चीन की बहुत सी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाया था। इसके अलावा इन कंपनियों के लिए नियम भी कड़े किए जा रहे हैं।