भारत में औसत मोबाइल डेटा खपत प्रति यूजर प्रति माह 19.5GB तक पहुंच गई है। Nokia द्वारा जारी वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स से पता चला है कि 2022 में साल-दर-साल (YoY) आधार पर डेटा यूसेज में 13.6% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है भारत की डिजिटल इकोनॉमी 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) होगी, जिसमें 5G का मुख्य रोल होगा।
Nokia की MBiT
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोबाइल डेटा ट्रैफिक पिछले पांच वर्षों में 3.2 गुना बढ़ गया है, जो प्रति माह 14 एक्साबाइट्स तक पहुंच गया है। जहां एक ओर, 2018 में मोबाइल डेटा ट्रैफिक 4.5 एक्साबाइट्स था, वहीं, 2022 में यह 14.4 एक्साबाइट्स हो गया। इसमें यह भी बताया गया है कि नए 5G संचालित एप्लिकेशन और सर्विस के साथ डेटा की खपत आने वाले समय में और अधिक बढ़ेगी।
वहीं, रिपोर्ट आगे बताती है कि प्रति यूजर प्रति माह औसत डेटा खपत 2 गुना की बढ़ोतरी के साथ 19.5GB पर पहुंच गई है। इसके अलावा, जैसे-जैसे 5G पूरे देश में फैल रहा है, 4G और 5G डेटा संयुक्त रूप से देश में कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक का लगभग 100% हो गया है।
MBiT रिपोर्ट यह भी कहती है कि 5G की बदौलत भारत में मोबाइल डेटा 2024 तक दोगुने से अधिक बढ़ जाएगा। अनुमान है कि भारत ने 2022 में 70 मिलियन (7 करोड़) से अधिक 5G डिवाइस का शिपमेंट देखा है, जो बाजार में 5G के लिए एक मजबूत ट्रैक्शन का संकेत देता है।
इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में 4G डेटा ट्रैफिक में 6.5 गुना बढ़ोतरी हुई, जबकि MBB ग्राहकों की संख्या 2.2 गुना बढ़ी। निजी वायरलेस नेटवर्क में देश का निवेश 2027 तक लगभग 250 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की भी उम्मीद है।
रिपोर्ट कहती है कि भारत 2025 तक $1 ट्रिलियन डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और 5G एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।