टेक्नॉलजी ने जिस तेजी से हमारी जिंदगी में पैठ बनाई है, उतनी ही तेजी से हम इसके आदी हो चले हैं। कोई इसे डिजिटल दुनिया कहता है, तो कोई कहता है हम डिजिटल ऐज में हैं। इस दौर ने हमारी हर इन्फर्मेशन को भी डिजिटल बना दिया है, जो पासवर्ड से प्रोटेक्ट रहती है। अक्सर लोग कई लॉगिन आईडी का एक ही पासवर्ड रख लेते हैं, ताकि उन्हें पासवर्ड याद करके ना रखने पड़ें। लेकिन एक ही तरह के पासवर्ड या लॉगिन क्रेडेंशियल इस्तेमाल करके आप पासवर्ड अटैक की चपेट में आ सकते हैं। साइबर हमला आपका एक पासवर्ड हासिल करके कई अकाउंट्स में सेंध लगा सकता है। इससे आपकी पसर्नल इन्फर्मेशन बाहर आ सकती है और आप साइबर हमलावरों के शोषण का शिकार हो सकते हैं। आज हम आपको कुछ साइबर अटैक्स और उनसे बचने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
ब्रूट फोर्स अटैक
पासवर्ड अटैक एक अनुमान लगाने वाला गेम है। इस अटैक में हैकर हैकिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए कई पासवर्ड कॉम्बिनेशंस को तब तक इस्तेमाल करता है, जब तक वो यूजर का पासवर्ड क्रैक ना कर ले। आप इस तरह के साइबर अटैक से बच सकते हैं, अगर आप अपने हर ऑनलाइन अकाउंट के लिए एक यूनिक पासवर्ड तैयार करते हैं।
क्रेडेंशियल स्टफिंग
इस तरह के अटैक में साइबर हमलावर आपके ऑनलाइन अकाउंट्स और प्रोफाइल में सेंध लगाने के लिए चोरी किए गए क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करता है। क्रेडेंशियल हासिल करने के लिए स्पाइवेयर और अन्य तरह के मैलवेयर का इस्तेमाल भी किया जाता है। साइबर हमलावर आमतौर पर डार्क वेब में कॉम्प्रोमाइज्ड पासवर्ड को सेफ रखते हैं। इनकी मदद से लोगों को निशाना बनाया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि संदिग्ध लॉगिन की एक्टिविटी से बचने के लिए आप टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को इस्तेमाल करें।
सोशल इंजीनियरिंग
इस तरह के हमले में साइबर हमलावर लोगों को एक नकली लॉनिग पेज पर रीडायरेक्ट करते हैं। आपको लगता है कि आप अपना सोशल मीडिया अकाउंट ओपन कर रहे हैं, जबकि वो असली पेज नहीं होता। आप अपनी इन्फर्मेशन (लॉगिन आईडी और पासवर्ड) डालते हैं, जिसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है और वह साइबर हमलावर तक पहुंच जाती है। इस तरह के हमले से बचने के लिए जरूरी है कि आप संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक नहीं करें। हमेशा https// के साथ वैध पेज ही पर ही जाएं।
कीलॉगर अटैक
यह एक स्पाइवेयर है, जो आपके कीबोर्ड को ट्रैक और रिकॉर्ड करता है, जब आप कीबोर्ड पर टाइप कर रहे होते हैं। आपको पता भी नहीं चलता और आपकी जानकारी साइबर हमलावर तक पहुंच जाती है। इस तरह के हमले से बचने के लिए अपनी डिवाइस पर भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
पासवर्ड स्प्रे अटैक
इस हमले में हैकर बड़ी संख्या में चुराए गए पासवर्डों को आपके अकाउंट पर ट्राई करता है। ऐसे हमलों से बचने के लिए अपने पासवर्ड को हर दो महीने में बदल लें।
फिशिंग
पासवर्ड फिशिंग हमले अक्सर एक ई-मेल या टेक्स्ट मैसेज के रूप में आते हैं। इन्हें खोलने पर ये वेबसाइटें आपके द्वारा टाइप किए गए क्रेडेंशियल्स को रिकॉर्ड करती हैं। इससे हमलावर आपके असल अकाउंट्स तक पहुंच जाते हैं। फिशिंग अटैक से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध मेल या टेक्स्ट मैसेज में लॉग इन करने से पहले URL की जांच कर लें।
मैन-इन-द-मिडिल अटैक
इसमें भी फिशिंग मैसेज भेजे जाते हैं। इन मैसेज में मैलेशियस अटैचमेंट होते हैं, जिसके जरिए स्पाईवेयर इंस्टॉल करने की कोशिश होती है, ताकि पासवर्ड को रिकॉर्ड किया जा सके। ऐसे ई-मेल्स को जांचकर आप ऐसे हमलों से बच सकते हैं।
शोल्डर सर्फिंग
इस हमले में लोगों को तब टार्गेट किया जाता है, जब वो पब्लिक प्लेस में अपना पासवर्ड टाइप कर रहे होते हैं। ऐसे अटैक से बचने के लिए मोबाइल डिवाइस को बायोमैट्रिक फीचर्स से सुरक्षित रखना चाहिए, जैसे- फेशियल रेकॉग्निेशन
ये सावधानियां आपके पासवर्ड को बनाएंगी सुरक्षित
- हमेशा एक मजबूत पासवर्ड क्रिएट करें।
- समय-समय पर पासवर्ड को बदलते रहें।
- मल्टीफैक्टर ऑथेन्टिकेशन का इस्तेमाल करें।
- बयोमैट्रिक ऑथेन्टिकेशन का इस्तेमाल करें।
- डिवाइस पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।