Income Tax Return: आयकर (इनकम टैक्स) उस टैक्स को बोलते हैं, जो किसी व्यक्ति की आय (सैलरी) पर लगाया जाता है। हालांकि, इसमें कई नियम हैं, जैसे कि यह एक तय सीमा से कम आय पर नहीं वसूला जाता है और उस सीमा से ज्यादा आय पर भी इसके स्लैब फिक्स होते हैं, यानी आय की विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग टैक्स रेट निर्धारित हैं। सुनने में आपको यह पेचिदा लग रहा होगा, लेकिन इसे समझना उतना मुश्किल भी नहीं है।
भारत में सरकार ने इनकम टैक्स वसूलने के तरीकों को आसान और न्यायसंगत बनाने के लिए स्लैब सिस्टम बनाया है। इसका मतलब है कि टैक्स देने वाले की सैलेरी में बढ़ोतरी के साथ टैक्स की दरें भी बढ़ती रहती हैं। इस प्रकार टैक्स रेट को कैटेगरी में बांटना देश में प्रगतिशील और निष्पक्ष टैक्स सिस्टम को सक्षम बनाता है। इस टैक्स सिस्टम या स्लैब में हर साल के बजट में बदलाव किए जाते हैं।
वर्तमान में, आयकर में "व्यक्तिगत" करदाताओं की तीन कैटेगरी आती हैं, जिनमें 60 वर्ष से कम उम्र के निवासी और अनिवासी, 60 से 80 वर्ष उम्र के वरिष्ठ नागरिक निवासी, और 80 वर्ष से अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटिजन निवासी।
अब, आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि मार्च 2020 में देश कोरोना काल में दाखिल हुआ था, जिसके चलते केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करने और इसे नए वित्त वर्ष 2021-22 में लागू करने का निर्णय लिया था। हालांकि, नए स्लैब में छूट दी गई थी, जिसके अनुसार, 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जो अपनी पेंशन के साथ-साथ आय के हितों पर काफी हद तक निर्भर हैं, उन्हें टैक्स रिटर्न भरने से छूट दी गई थी और यह नियम आग भी लागू है। इन मामलों में TDS (Tax Deducted of Source) को बैंक द्वारा अपने आप काट लिया जाता है।
How To File Income Tax Return?
इनकम टैक्स रिटर्न भरना अब बेहद आसान हो गया है। टैक्स-फाइलिंग की समय सीमा को पूरा करने की लंबी कतारें और अनगिनत परेशानियां दूर हो गई हैं। अब लोग अपना इनकम टैक्स ऑनलाइन भी भर सकते हैं, जिसे ई-फाइलिंग भी कहा जाता है।
आप नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर अपना इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं।
ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकर विभाग के
पोर्टल पर लॉग ऑन करें। अपने स्थायी PAN का उपयोग करके रजिस्टर करें, जो यूजर आईडी के रूप में काम करेगा।
'Download' के अंदर, वर्तमान एसेसमेंट ईयर (निर्धारण वर्ष) के तहत ई-फाइलिंग पर जाएं और उपयुक्त आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म चुनें। यदि आप सैलेरी लेने वाले व्यक्ति हैं, तो ITR-1 (sahaj) का रिटर्न प्रिपरेशन सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें।
आपके द्वारा डाउनलोड किया गया रिटर्न प्रिपरेशन सॉफ्टवेयर (excel utility) खोलें। निर्देशों का पालन करें और अपने फॉर्म 16 से सभी विवरण दर्ज करें।
दिए जाने वाले टैक्स की गणना करें, टैक्स का भुगतान करें और टैक्स रिटर्स में चालान की जरूरी जानकारियां दर्ज करें। यदि आपके ऊपर कोई टैक्स लायबिलिटी (देयता) नहीं है, तो आप इस चरण को छोड़ आगे बढ़ सकते हैं।
आपके द्वारा दर्ज की गई जानकारियों की पुष्टि करें और एक XML फाइल बनाएं, जो आपके कंप्यूटर पर खुद सेव हो जाती है।
'Submit Return' सेक्शन में जाएं और XML फाइल अपलोड करें।
पूछे जाने पर आप फाइल पर डिजिटल साइन (हस्ताक्षर) कर सकते हैं। यदि आपके पास डिजिटल साइन नहीं है, तो आप इस स्टेप को छोड़ सकते हैं।
आपकी स्क्रीन पर सफल ई-फाइलिंग की पुष्टि करने वाला एक मैसेज फ्लैश होगा, जिसके बाद ITR-Verification नाम से एक एक्नॉलेजमेंट (पावती) फॉर्म भी जनरेट होगा। इसे डाउनलोड किया जा सकता है। यह आपके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भी ईमेल किया जाता है।
आप कुल छह तरीकों में से किसी एक के जरिए रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन कर सकते हैं, जिनमें 1) नेटबैंकिंग, 2) बैंक एटीएम, 3) आधार ओटीपी, 4) बैंक अकाउंट नंबर, 5) डीमैट अकाउंट नंबर, 6) रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी शामिल हैं। ई-वेरिफिकेशन से आपको IRT-5 एक्नॉलेजमेंट की एक फिजिकल कॉपी CPC, बेंगलुरु को भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।