आधार, यूनीक आइडेंटिफिकेशन ऑथरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाने वाला राष्ट्रीय पहचान पत्र है। आज की तारीख में ज़्यादातर भारतीय नागरिकों के पास आधार कार्ड है। नया सिम कार्ड व गैस कनेक्शन लेने या पेमेंट करते वक्त आप इसका इस्तेमाल अपनी पहचान को वैरिफाई करने के लिए कर सकते हैं। आधार डेटा में आपकी बायोमैट्रिक जानकारियां मौज़ूद होती हैं, जैसे कि रेटिना स्कैन और फिंगरप्रिंट स्कैन। इसलिए इसका इस्तेमाल अक्सर ही ऑथेंटिकेशन के लिए होता है। लंबे-लंबे फॉर्म भरने की जगह आप आधार कार्ड को इस्तेमाल करके अपनी पहचान वैरिफाई कर सकते हैं। यह आपके मोबाइल पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड या बायोमैट्रिक्स के ज़रिए संभव हो जाएगा। अगर आपको डर है कि आपके आधार डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है तो आप
ऑनलाइन जाकर आधार बायोमैट्रिक डेटा को लॉक कर सकते हैं। आप चाहें तो यह भी जान सकते हैं कि आपके आधार डेटा का ऑथेंटिकेशन के लिए कब-कब इस्तेमाल हुआ है। इसके लिए नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें।
1. UIDAI के
आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री पेज पर जाएं।
2. यहां पर अपना आधार नंबर डालें और साथ में तस्वीर में दिख रहे कैपचा कोड को भी।
3. इसके बाद Generate OTP पर क्लिक करें। आपको वनटाइम पासवर्ड एसएमएस के ज़रिए आपके फोन पर मिलेगा।
4. अगले पेज पर UIDAI की ओर से अलग-अलग ऑथेंटिकेशन रिक्वेस्ट को फिल्टर करने की सुविधा मिलेगी। आप बायोमैट्रिक, डेमोग्राफिक और अन्य तरीके से फिल्टर लगा सकते हैं। यहां पर किसी खास तारीखों के बीच भी जांच सकते हैं। इसकी सीमा 6 महीने की है। आखिरी फिल्ड ओटीपी का है। यहां पर ओटीपी डालें और सब्मिट पर क्लिक कर दें।
5.इसके बाद आप आधार ऑथेंटिकेशन रिक्वेस्ट का विस्तृत ब्योरा देख पाएंगे। यहां पर तारीख, वक्त और किस तरह से ऑथेंटिकेशन हुआ है, ये सारी जानकारियां मिल जाएंगी। हालांकि, आप यह नहीं जान पाएंगे कि किस कंपनी या एजेंसी ने ऑथेंटिकेशन के लिए आधार डेटा को इस्तेमाल किया।
आप इस तरह से आधार ऑथेंटिकेशन की हिस्ट्री जांच सकेंगे। याद रहे कि आपको हर जगह आधार की एक कॉपी ले जाने की ज़रूरत नहीं है। आप चाहें तो एमआधार ऐप रख सकते हैं। या
आधार कार्ड की कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं।